चार साल पाचं महिने में भाजपा ने दो सीएम बदले ,यह तो प्रदेश की जनता के साथ मजाक बना
उत्तराखंड बीजेपी में चुनावों के मौके पर सीएम बदलने की रही परंपरा,2022 का चुनाव भाजपा के लिए यह परंपरा घातक हो सकता है
देहरादून । उत्तराखंड के भाजपा का अब तक के इतिहास पर नजर डाले तो हर बार चुनावी साल में वह मुख्यमंत्री का चेहरा बदलती है। नवंबर, 2001 में राज्य गठन के वक्त अंतरिम सरकार में नित्यानंद स्वामी को मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन जैसे ही विधानसभा चुनाव नजदीक आया तो सवा तीन माह पहले ही सीएम बदल डाला। वरिष्ठ भाजपा नेता भगत सिंह कोश्यारी को सीएम बना चुनावी चेहरा घोषित किया, लेकिन चुनावों में पार्टी हार का सामना करना पड़ा।
इसी तरह वर्ष 2007 के चुनावों में सत्ता मिलने पर मेजर जनरल(रिटायर) बीसी खंडूड़ी को सीएम की कमान मिली। वर्ष 2009 के लोक सभा चुनावों में पांचों सीट गंवाने पर हाईकमान ने उन्हें कुर्सी से उतार दिया और डा. रमेश पोखरियाल निशंक की ताजपोशी कर दी। जैसे ही विस चुनाव नजदीक आए तो छह-सात माह पहले उन्हें कुर्सी से उतार कर फिर खंडूड़ी को सीएम बना डाला। खंडूड़ी के अगुवाई में हुए चुनाव में पार्टी ने फिर मात खाई।इस बार दो मुख्यमंत्री बदलना 2022 का चुनाव भाजपा के लिए काफि मंहगा पड़ सकता है।