पूर्व कैबिनेट मंत्री के काफिले पर हमला, प्रदेश की सियासत गरमाई, इस बार भाजपा के लिए पहाड़ से लेकर मैदान तक सफाया हो सकता है
पुष्कर सिंह धामी के करीबी अपने को नेता बताने वाले लोग ही धामी सरकार की लुटिया डुबाने में लगे हुए है ये लोग केवल अपने फायदे के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी के आगे पीछे घूमते है जिनकी छवि प्रदेश की जनता के सामने जीरो है।
बाजपुर । कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल होने बाजपुर जा रहे उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और नैनीताल के पूर्व विधायक संजीव आर्य के काफिले पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य कुलविन्दर सिंह और उनके समर्थकों ने हमला कर दिया। इसके बाद सियासी गलियारों में हलचल पैदा हो गई है।
घटना लेवड़ा नदी पुल की है। किंदा व उनके साथी वहां आर्य के विरोध में काले झंडों के साथ धरना दे रहे थे। लाठी डंडों से हुए हमले में कांग्रेस के करीब 7-8 कार्यकर्ता चोटिल हो गए। इसके बाद पुलिस थाने में भी खूब बवाल मचा। पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य व उनके बेटे नैनीताल के विधायक संजीव आर्य पर हुए हमले की घटना को लेकर प्रदेशभर में सियासत तेज होने के आसार हैं। कांग्रेस पार्टी अब पूरे मामले को राजनीति स्तर पर भुनाने का प्रयास कर सकती है। भाजपा छोड़कर कांग्रेस में वापसी करने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे नैनीताल के पूर्व विधायक संजीव आर्य शनिवार दिन में करीब साढ़े बारह बजे कार्यकर्ताओं के काफिले के साथ बाजपुर में आयोजित कांग्रेस की बैठक में शामिल होने जा रहे थे। इस दौरान हल्द्वानी स्टेट हाइवे स्थित लेवड़ा नदी पुल पर किसान आंदोलन से जुड़े रहे पूर्व जिला पंचायत सदस्य कुलविंदर सिंह किंदा ने अपने समर्थकों के साथ आर्य को काले झंडे दिखाए और हिंसात्मक विरोध शुरू कर दिया.
करीब घंटे भर घटनास्थल पर अफरा तफरी मची रही। बाजपुर में हुई घटना को लेकर कांग्रेस के बड़े नेता एक-दो दिन में हल्द्वानी पहुंचेंगे और राजनीतिक स्तर पर इसे भुनाने का पूरा प्रयास करेंगे। वहीं पूरी घटना की जानकारी लेने के बाद कांग्रेस इसे राजनीतिक स्तर पर भुनाने का प्रयास करेगी।
कुलविंदर सिंह काफी समय तक भाजपा में रहे हैं और उन्होंने भगत सिंह कोश्यारी से लेकर अरविंद पांडेय, अजय भट्ट व यशपाल आर्य को भी चुनाव लड़वाया था। वर्तमान समय में वे किसानों की राजनीति कर रहे हैं। जब आर्य कांग्रेस में शामिल हुए थे तब इसका विरोध करते हुए उन्होंने ऐलान किया था कि बाजपुर क्षेत्र में घुसने नहीं दिया जाएगा। यदि जरूरत पड़ी तो लाठी-डंडों से भी इसका विरोध करने से हम पीछे नहीं हटेंगे। इस बीच शनिवार को यह घटना हो गई। पूर्व में दी गई धमकी को मुद्दा बनाते हुए अब कांग्रेस इस मुद्दे पर बवाल कर सकती है।