पेपर लीक से ज्वाइनिंग तक सरकारी तंत्र के धंधेबाजों ने फैला रखाथा जाल

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देहरादून ।यूकेएसएसएससी (UKSSSC)के पेपर लीक मामले में तमाम परतें खुलकर सामने आ रही हैं। नौकरियां बेचने वाले धंधेबाजों ने पूरा सिस्टम एक संस्था की तरह बनाया हुआ था। युवाओं से पेपर लीक कराने से लेकर ज्वाइनिंग तक का ठेका लिया जाता था। इस धंधेबाजी में हर किसी की अपनी अलग जिम्मेदारी होती है और हर जिम्मेदारी का अलग रेट।

15 लाख एक अभ्यर्थी से उगाही होती थी, जिसे अलग-अलग अनुपात में बांटा जाता था।  एसटीएफ के खुलासों में गिरोह में सियासी, सरकारी और निजी संस्थाओं कर्मचारियों के शामिल होने की बात सामने आई है। कई प्रधान से लेकर अन्य जनप्रतिधि भी इसमें शामिल बताए गए हैं।

युवाओं को परीक्षा में पास कराने का ठेका ऐसा व्यक्ति लेता था जो युवक का रिश्तेदार या करीबी हो। वहीं सरकारी कर्मचारी अपने पद की विश्वनीयता की दुहाई देकर युवाओं को आसानी से टारगेट बना लेते थे। एसटीएफ के मुताबिक सरकारी कर्मचारी अपने मार्जिन के लिए इनसे जुड़े। वहीं पेपर उपलब्ध कराने वाले, युवकों को पेपर याद कराने, ले जाने के ठेके होते।

धंधेबाजों से जुड़े कई गांवों के प्रधान 
एसटीएफ की जांच में यह सामने आया है कि इस धंधेबाजी में कई गांवों के प्रधान जुड़े हुए हैं। उनके करीबी या रिश्तेदार भर्ती हो गए हैं। ऐसे जनप्रतिनिधियों को चिह्नित किया जा रहा है। उनके खिलाफ जल्द बड़ी कार्रवाई हो सक

अभ्यर्थी बोले,हमारा भविष्य बर्बाद न हो
पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने अब तक सौ से ज्यादा ऐसे अभ्यर्थी चिह्नित किए हैं, जिन्होंने पेपर खरीदकर परीक्षा दी। एसटीएफ लगातार ऐसे अभ्यर्थियों से कार्यालय आकर बयान दर्ज कराने की अपील कर रही है। रविवार को भी करीब 20 से ज्यादा अभ्यर्थी एसटीएफ कार्यालय पहुंचे और अफसरों से गुहार लगाई कि उनका भविष्य बर्बाद न हो। वहीं अभी कुछ अभ्यर्थी कार्रवाई के डर से छिपे हुए हैं। एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि उनके पास पूरी लिस्ट है। जो छात्र सामने आकर बयान देंगे, उनके लिए ठीक रहेगा। नहीं तो उनकी गिरफ्तारी की जाएगी।  

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