बागनाथ धाम में मकर संक्राति पर गंगा स्नान के लिए उमड़ी भीड़

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बागेश्वर। मकर संक्रांति (उत्तरायणी) पर सरयू और गोमती के संगम पर कइयों ने आस्था की डुबकी लगाई। शुक्रवार सुबह से ही सरयू और गोमती के संगम पर स्नान करने वाले लोगों का तांता लगा रहा। लोग तड़के चार बजे से ही स्नान के लिए पहुंचने लगे थे। ठंड से बचाव के लिए मंदिर परिसर में अलाव जलाए गए थे।

सैकड़ों किशोरों और युवाओं का जनेऊ संस्कार सूरजकुंड के जनेऊ घाट पर सुबह से ही लोग अपने बच्चों का यज्ञोपवीत संस्कार कराने के लिए पहुंचे

गंगा स्नान के बाद लोगों ने भगवान बागनाथ के दर्शन किए। बाबा बागनाथ का जलाभिषेक किया। दिन खुलने के बाद मंदिर में लोगों का तांता लग गया। गंगा स्नान और शिव पूजा का क्रम दिनभर चलता रहा। लोगों ने बाबा बागलनाथ के साथ ही कालभैरव, वाणेश्वर, नीलेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन और पूजन किया। माघ मास में मकर संक्रांति से तीन दिन तक गंगा स्नान का विशेष महत्व बताया जाता है। मकर संक्रांति से तीन दिन तक यानि कि 16 जनवरी तक त्रिमाघी (माघ के तीन दिन) लोग व्रत रखकर गंगा स्नान के लिए आएंगे। त्रिमाघी स्नान के बाद बागेश्वर के वेणीमाधम मंदिर में लोग पूजा-अर्चना करेंगे। उत्तरायणी का मेला न होने के बाद भी मकर संक्रांति के दिन बागेश्वर में लोगों की अच्छी खासी भीड़ रही। बागनाथ मंदिर के साथ ही नगर में पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था और कोविड नियमों का पालन कराने के लिए व्यापक इंतजाम किए थे।
मकर संक्राति पर बागेश्वर के सूरजकुंड में सरयू किनारे यज्ञोपवीत संस्कार कराने का विशेष महत्व है। इस बार भी सैकड़ों किशोरों और युवाओं का जनेऊ संस्कार सूरजकुंड के जनेऊ घाट पर कराया गया। सुबह से ही लोग अपने बच्चों का यज्ञोपवीत संस्कार कराने के लिए पहुंचने लगे थे। बागेश्वर के साथ ही पिथौरागढ़, अल्मोड़ा जिले के लोग भी अपने बच्चों का यज्ञोपवीत संस्कार कराने सूरजकुंड पहुंचे हुए थे। तमाम लोगों ने सरयू और गोमती के तट पर भगवान बागनाथ के धाम में भी जनेऊ संस्कार कराया।

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