अल्मोड़ा सीट पर घमासान, रघुनाथ सिंह चौहान का पलड़ा कमजोर माना जा रहा है
अल्मोड़ा । विधायक रघुनाथ सिंह चौहान को भी 2022 के विधान सभा चुनाव में अपने टिकट कटने का डर सताने लगा है. चौहान पहले टिकट मिलने की बात कर रहे हैं. फिर कैलाश शर्मा 2017 के अंतिम चुनाव के समझौते को नहीं मान रहे हैं. वह शर्मा पर 2012 में बगावत करने का आरोप लगाने लगे हैं । रघुनाथ सिंह चौहान का कहना है कि मुझे नहीं तो कैलाश शर्मा को भी नहीं मिले टिकट. भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष कैलाश शर्मा का कहना है कि रघुनाथ सिंह चौहान ने 2017 में कहा था कि उनका अंतिम चुनाव है. वह किस हैसियत से टिकट मांग रहे
अल्मोड़ा. 2022 के चुनावों से पहले भाजपा की अल्मोड़ा सीट पर घमासान मच गया है. सीटिंग एमएलए रघुनाथ सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष कैलास शर्मा के बीच पिछली बार टिकट को लेकर समझौता हुआ था. लेकिन अब वे एक-दूसरे के खिलाफ हो गए है. भाजपा में आधा दर्जन उम्मीदवार गांवों में जाकर टिकट मिलने का दावा कर रहे हैं.
अल्मोड़ा से वरिष्ठ विधायक रघुनाथ सिंह चौहान को भी अपने टिकट कटने का डर सताने लगा है. क्योंकि कार्यकर्ताओं ने नहीं जीतने की आशंका हाईकमान से जताई है. चौहान पहले टिकट मिलने की बात कर रहे हैं. फिर कैलाश शर्मा 2017 के अंतिम चुनाव के समझौते को नहीं मान रहे हैं. वह शर्मा पर 2012 में बगावत करने का आरोप लगाने लगे हैं. रघुनाथ सिंह चौहान का कहना है कि मुझे नहीं तो कैलाश शर्मा को भी नहीं मिले टिकट भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष कैलाश शर्मा का कहना है कि रघुनाथ सिंह चौहान ने 2017 में कहा था कि उनका अंतिम चुनाव है. वह किस हैसियत से टिकट मांग रहे हैं. पार्टी हाईकमान ने टिकट देने हैं. रघुनाथ सिंह को अपनी बातें याद होनी चाहिए थी कि क्या समझौता किया था. मैं पार्टी द्वारा दी गई जिम्मेदारी निभा रहा हूं. जो भी जिम्मेदारी मिलेगी उसे निभाऊंगा.