धामी सरकार ने उत्तराखंड हर व्यक्ति पर 65 हजार का कर्जदार बना दिया है एक साथ जन्में तीन राज्य मगर 21 वर्षों में सबसे ज्यादा प्रतिव्यक्ति कर्ज उत्तराखंड

ख़बर शेयर करें

आने वाले समया में उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था और गंभीर हो जायेगी । आंकड़ों के मुताबिक, 2017-18 से 2019-20 के दौरान तीन वित्तीय वर्षों में उत्तराखंड राज्य की कुल कमाई में से 75 प्रतिशत धनराशि वेतन, पेंशन, मजदूरी और कर्ज का ब्याज चुकाने पर खर्च हुए। इसके अलावा विभागों के अधिकारियों व नेताओं की मिलीभगत से करोड़ों के घोटाले उजागर होते ही दफन हो जा रहे है क्यों कि भ्रष्टाचार का धुआं ऊपर से नीचंे को आता है। अगर प्रदंेश का मुखिया सही होगा तो नीचे भी काम करने वाले भी अपनी जिम्मेदारी संे काम करेगें ।

देहरादून । अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए अब सरकार के पास अपने आर्थिक संसाधनों में बढ़ोतरी करने के सिवाय कोई विकल्प नहीं रह गया है। फिलहाल सरकार के पास अपनी जरूरतों को पूरा करे के लिए केंद्र सरकार का दरवाजे पर फरियाद लगाने के सिवाय दूसरा विकल्प नहीं हैं।
आपको बता दें कि झारखंड और छत्तीसगढ़ राज्य के साथ अस्तित्व में आए उत्तराखंड सरकार के कदम पिछले दो दशकों में लिए गए भारी भरकम कर्ज से लड़खड़ा रहे हैं। यदि कर्ज को औसतन प्रतिव्यक्ति के हिसाब से आंके तो उत्तराखंड पर झारखंड और छत्तीसगढ़ से दोगुने से अधिक कर्ज चढ़ा है। इस बोझ को उतारने और उसका ब्याज चुकाने के लिए प्रदेश सरकार को अपनी क्षमताओं से बढ़कर प्रदर्शन करना होगा।

वित्तीय मामलों के जानकारों के मुताबिक, अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए अब सरकार के पास अपने आर्थिक संसाधनों में बढ़ोतरी करने के सिवाय कोई विकल्प नहीं रह गया है। फिलहाल सरकार के पास अपनी जरूरतों को पूरा करे के लिए केंद्र सरकार का दरवाजे पर फरियाद लगाने के सिवाय दूसरा विकल्प नहीं हैं।
वेतन-पेंशन पर सर्वाधिक खर्च में तीसरा राज्य

उत्तराखंड सबसे अधिक प्रतिबद्ध खर्च के मामले में पंजाब और केरल के बाद देश का तीसरा राज्य है। आंकड़ों के मुताबिक, 2017-18 से 2019-20 के दौरान तीन वित्तीय वर्षों में उत्तराखंड राज्य की कुल कमाई में से 75 प्रतिशत धनराशि वेतन, पेंशन, मजदूरी और कर्ज का ब्याज चुकाने पर खर्च हुए। अभी भी यही स्थिति बनी हुई है।
उत्तराखंड पर औसतन प्रतिव्यक्ति 65 हजार का कर्ज
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के आंकड़े के मुताबिक, 2021 तक उत्तराखंड पर 75,351 करोड़ रुपये ऋण का संशोधित अनुमान है। इस अवधि में उत्तराखंड के साथ बनें छत्तीसगढ़ और झारखंड पर एक लाख करोड़ से अधिक का कर्ज है। कुल आबादी और बजट आकार की तुलना में यह उत्तराखंड से कम है।
राज्य की माली हालत को देखते हुए सरकार पर वित्तीय संसाधन जुटाने का भारी दबाव है। सरकार अपनी आय का कोई स्रोत हाथों से गंवाना नहीं चाहती है। यही वजह है कि नई दिल्ली के दौरे पर गए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जीएसटी प्रतिपूर्ति जारी रखने के साथ टीएचडीसी इंडिया में उत्तराखंड की 25 प्रतिशत हिस्सेदारी का मुद्दा जोरदार ढंग से उठाया।

You cannot copy content of this page