गुस्सायें ग्राम प्रधानों ने जनपद के ब्लाकों में की तालाबंदी ,कहा सरकार की उपेक्षा बर्दास्त नहीं
अल्मोड़ा । गुस्सायें ग्राम प्रधानों ने जिलेभर के ब्लांकों तें धराना देकर फिर तालाबंदी करते हुए कहा कि सरकार की उपेक्षा बर्दास्त नहीं होगी ।
यहां ग्राम पंचायतों को एक्ट के तहत संपूर्ण अधिकार आपदा एवं पंचायत निधि में पांच-पांच लाख रुपये के बजट समेत तमाम मुद्दों पर मुखर प्रधानों का आंदोलन तेज हो गया है। उपेक्षा से आहत प्रधानों नें जिलेभर के विकासखंड मुख्यालयों में भी दिनभर सरकार विरोधी नारे गूंजते रहे।ग्राम प्रधानों को मानदेय, मनरेगा में सौ दिन से बढ़ाकर 200 दिन के रोजगार व पंचायतीराज एक्ट में मिले 29 अधिकार दिए जाने के मुद्दे पर जिलेभर में पांचवें दिन सोमवार को भी धरना प्रदर्शन का दौर चलता रहा।
इस बीच शासन व सरकार की ओर से सकारात्मक संकेत न मिलने पर गुस्साए प्रधानों ने जनपद के सभी ब्लॉक कार्यालयों में करीब तीन घंटे तक तालाबंदी की। इससे कामकाज प्रभावित रहा। बाद में संगठन अध्यक्ष प्रमिला देवी की अगुआई में बीडीओ रवि सैनी को ज्ञापन भी दिया गया। इस दौरान प्रधान बीना उपाध्याय, पुष्पा देवी, बीना देवी, नीलम देवी, आशा देवी, हेमा कुवार्बी, हेमा पांडे, कीर्ति पांडे, संजना देवी, शीला डोगरा, अनीता बिष्ट आदि मौजूद रहे। इधर हवालबाग ब्लॉक मुख्यालय में प्रधान उमेश नैनवाल, नवीन चंद्र, हरीश चंद्र, बाला दत्त कांडपाल आदि धरने पर डटे रहे। द्वाराहाट 15वें वित्त में कटौती के खिलाफ प्रधानों ने ब्लॉक मुख्यालय में घंटे भर के लिए ताला जड़ प्रदर्शन किया। मंगलवार को संपूर्ण तालाबंदी का ऐलान किया गया है। इस दौरान संगठन अध्यक्ष नरेंद्र सिंह अधिकारी, कमल आर्या, संतोष चौधरी, सतीश उपाध्याय, गणेश आगरी, त्रिभुवन तिवारी आदि मौजूद रहे।
दन्यां धौलादेवी ब्लॉक कार्यालय में संगठन अध्यक्ष प्रताप सिंह गैड़ा, उपाध्यक्ष उमेश चंद्र, महामंत्री तारादत्त पांडे, प्रेमराम, सोनू देवी, जानकी देवी, सीता देवी, नवीन चंद्र आदि प्रधान धरने पर बैठे। उन्होने कहा कि भाजपा केवल अपने मुख्यमंत्री बदलने में मस्त है प्रदेश की जनता से कोई लेना -देना नहीं ,कहा चार साल के अधिक राज करते हुए इस प्रदेश को 10 साल पीछे धकेल़ दिया है कहीं भी कोई विकास कार्य नहीं हुए । अगर युवाओं की भर्त्ती प्रक्रिया भी शुरू होती है तो गरीब ,होनहार युवाओं को कौन पूछने वाला है ।केवल नेताओं के चेहतों तक सीमित है