हल्द्वानी बागजाला वन भूमि का सौदा दस रूपये के स्टाम्प पेपर में हुआ 5 लाख से 12 लाख रुपये प्रति हजार स्क्वायर फीट

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वन भूमि में अतिक्रमण वन अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ है। ,क्या जब अतिक्रमण हुआ था तब वन अधिकारियों को कोई पता नहीं चला ,अगर उसी समय अतिक्रमण पनपने नहीं देते तो आज इतने परिवार बेघर नहीं होते इन्हें सरकार ने बिजली ,पानी का कनेक्शन दिया हुआ है ,क्या वन विभाग , प्रशासन के अधिकारी सोये हुए थे ये अधिकारी नहीं कह सकते कि हमें अतिक्रमण का कोई पता नहीं था । यह सब मिलीभगत का खेल है।शुरू में ही सख्ती बरती जाती तो यह नौबत नहीं आती कि बसे हुए घरों को उजाड़ने की ।जमीन का सौदा करने वालों में एक व्यक्ति राष्ट्रीय पार्टी का पूर्व पदाधिकारी भी है।

हल्द्वानी। बागजाला का असली मास्टर माइंड बनभूलपुरा में है। ये वही आदमी है जिसने अपने गुर्गों के साथ मिलकर बागजाला की सरकारी जमीन को स्टांप में बेच डाला और मालामाल हो गया। बावजूद इसके ये मास्टर माइंड वन विभाग और प्रशासन की राडार पर नहीं है। हालांकि वन विभाग ऐसे 700 पक्के अतिक्रमण चिह्नित किए हैं, जिन्हें बिजली और पानी का कनेक्शन तक उपलब्ध करा दिया गया है।
बता दें कि बीते शनिवार को वन विभाग ने प्रशासन और भारी पुलिस बल की मौजूदगी में बागजाला में आठ अतिक्रमण ध्वस्त किए थे। इन अतिक्रमण में ऐसे भवन थे, जो निर्माणाधीन थे। हालांकि बताया यह जा रहा है कि बागजाला में एक हजार से अधिक भवनों का निर्माण कर लिया गया है। अब जो नए निर्माण हो रहे हैं, उन जमीनों को 5 लाख से 12 लाख रुपये प्रति हजार स्क्वायर फीट के हिसाब से बेचा गया है और वो भी स्टांप पर।

सूत्रों का कहना है कि बनभूलपुरा में ऐसे तीन लोग हैं, जिन्होंने बागजाला की जमीनों पर पहले कब्जा किया और फिर मनमाने दाम पर बेचा। यानी जिससे जैसा सौदा हो गया, उसे उस हिसाब से जमीन बेच दी गईं। वहीं वन विभाग ने जिन 700 पक्के अतिक्रमण को चिह्नित किया है, उनके पास बिजली और पानी के कनेक्शन हैं। इसके अलावा भी बागजाला की जमीन पर अतिक्रमण हैं, लेकिन उन्हें अभी तक चिह्नित नहीं किया गया है। सूत्र तो यहां तक कहते हैं कि बागजाला की जमीन का सौदा करने वालों में एक व्यक्ति राष्ट्रीय पार्टी का पूर्व पदाधिकारी भी है।

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