हल्द्वानी: देश में ही दुबका है अब्दुल मलिक, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पोस्टर चस्पा

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 हल्द्वानी ऊंची पहुंच रखने वाला हल्द्वानी का रसूखदार अब्दुल मलिक देश के ही किसी कोने में दुबका है। संभावना है कि वो उत्तराखंड में ही है और नेपाल के रास्ते देश छोड़ने की फिराक में है। जिसके बाद पुलिस और एजेंसियों ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी।देश के जुड़ी सीमाओं पर भी अब्दुल मलिक और उसके बेटे अब्दुल मोईद के पोस्टर चस्पा कर दिए हैं। दावा है कि दोनों को ही जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। वहीं खबर यह भी है कि मलिक बेटे समेत कोर्ट के सामने सरेंडर कर सकता है। 

लाइन नंबर 8 बनभूलपुरा निवासी अब्दुल मलिक और उसके बेटे अब्दुल मोईद को दंगे का मास्टर माइंड माना जा रहा है। दोनों परिवार समेत दंगे के दिन से ही फरार हैं। इन दोनों की बीवियों का भी उसी दिन से कोई पता नहीं है। अब ये दोनों भी पुलिस की रडार पर हैं। कई राज्यों की खाक छानने के बाद भी जब दोनों हाथ नहीं लगे तो पहली कुर्की और फिर गृह मंत्रालय ने बाप-बेटों के खिलाफ लुकआउट नोटस जारी किया।

देश के विभिन्न हवाई अड्डों से इनके हवाई सफर को लेकर जानकारी हासिल की गई तो पता लगा कि 8 फरवरी से लेकर अब तक किसी भी एयरपोर्ट पर इनके पासपोर्ट का इस्तेमाल नहीं हुआ। यानी दोनों देश के ही किसी हिस्से में छिपे हैं। 

वहीं भारत की सीमा वाला नेपाल ही एक ऐसा देश है, जहां आने-जाने के लिए पासपोर्ट और वीजा की जरूरत नहीं है। सड़क मार्ग से कोई भी दोनों देशों में आ और जा सकता है। ऐसे में संदेह है कि अब्दुल अपने परिवार के साथ नेपाल भाग सकता है। अगर वह नेपाल पहुंच गया तो फिर अन्य देशों को भाग जाने के लिए उसके रास्ते खुले हैं।

इसे देखते हुए पुलिस की एक टीम को नेपाल बॉर्डर पहुंच गई है। ये टीम सीमा से सटे स्थानों पर अब्दुल मलिक और अब्दुल मोईद के पोस्टर चस्पा कर रही है। साथ ही लोगों से अपील कर रही है कि अगर दोनों कहीं भी दिखते हैं या इनके बारे में किसी अन्य तरह की सूचना हो तो तुरंत पुलिस से संपर्क करें। 

फरवरी तक हल्द्वानी में ही थी मलिक की बीवी
हल्द्वानी : पुलिस की जांच में सामने आया है कि दंगा भड़कने से चार दिन पहले यानी 4 फरवरी तक अब्दुल मलिक की बीवी साफिया मलिक को हल्द्वानी में ही देखा गया था। इसके बाद से न तो साफिया का पता है और न ही उसकी बहू मोईद की बीवी का। पिता-पुत्र की फरारी के साथ ही अब पुलिस का शक सास-बहू पर गहरा रहा है और इसकी वजह इन दोनों का भी फरार होना है। ऐसे में माना जा रहा है कि इन दोनों से पूछताछ में दंगे से जुड़ी अहम जानकारी मिल सकती है। साक्ष्य मिले तो पुलिस दंगे में इन दोनों को भी आरोपी बना सकती है। 

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