हल्द्वानी वनभूलपूरा गफूर बस्ती रेलवे की भूमि है ,हाईकोर्ट का आदेश सीघ्र अतिक्रमण हटाया जाय ,सीमांकन शुरू हजारों प्रभावित लोग विरोध में सड़को पर उतरे
हल्द्वानी । रेलवे, प्रशासन और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने आज से रेलवे की भूमि की पिलर बंदी शुरू कर दी है। लेकिन सुबह टीम के अतिक्रमण वाले क्षेत्र में पहुंचते ही विरोध शुरू हो गया। सुबह करीब दस बजे हजारों लोग कड़ाके की सर्दी के बीच सड़क पर धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे।
इस दौरान मौके पर भारी पुलिसबल तैनात रहा। विरोध की सूचना मिलते ही मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, एडीएम मनीष सिंह, एसपी सिटी हरबंस सिंह, एसपी क्राइम जगदीश चन्द्र, सीओ भूपेंद्र धौनी भी पहुंचे।
विरोध बढ़ता देख पुलिस ने आस-पास के इलाकों को सील कर दिया। वहीं, बनभूलपुराआने वाले सभी रास्ते भी ब्लॉक कर दिए गए। इसके साथ ही एक प्रिजनर वैन भी खड़ी की गई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सीमांकन का काम हाईकोर्ट के आदेश के बाद शुरू किया जा रहा है। अगर जनता विरोध करेगी तो पुलिस को सख्ती दिखानी पड़ेगी। उधर, विरोध के बच ही प्रशासन की टीम ने रेलवे स्टेशन पहुंचकर सीमांकन काम शुरू कर दिया है।
विरोध प्रदर्शन के लिए जुटे लोग
बता दें कि हाल ही में हाईकोर्ट ने वनभूलपुरा गफूर बस्ती में रेलवे की 29 एकड़ भूमि पर किए गए अतिक्रमण को ध्वस्तीकरण करने के आदेश दिए थे। इस जगह पर करीब 4365 अतिक्रमणकारी हैं। टीम पुराने पिलरों की जांच करेगी जहां पिलर हटाए गए होंगे वहां पेंट से लाल निशान लगाए जाएंगे। इसके बाद स्पष्ट हो जाएगा कि कितने क्षेत्र का अतिक्रमण तोड़ा जाएगा।
सीमांकन के लिए एक टीम बनाई गई है। इसमें रेलवे, राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ सिटी मजिस्ट्रेट और एसडीएम शामिल हैं। वहीं, रेलवे अतिक्रमण हटाने के दौरान शस्त्रों के दुरुपयोग की संभावना को देखते हुए डीएम धीराज गर्ब्याल ने बनभूलपुरा थाने के एसओ को उस क्षेत्र के सभी लाइसेंसी असलहे जमा करने के आदेश दिए हैं। इसके बाद बनभूलपुरा क्षेत्र के एसओ ने शस्त्र जमा कराने शुरू करा दिए हैं। पहले दिन 10 शस्त्र जमा हुए हैं। बनभूलपुरा क्षेत्र में 246 शस्त्र लाइसेंस हैं।
वहीं, जिला प्रशासन कोर्ट के आदेश के बाद हर दिन एक-एक कदम आगे बढ़ा रहा है। बनभूलपुरा क्षेत्र में अतिक्रमण की जद में आ रहे स्कूलों में भी पटवारी-लेखपाल की भर्ती परीक्षा का केंद्र बनाया गया है। पटवारी-लेखपाल भर्ती को देखते हुए प्रशासन आठ जनवरी से पहले कोई जमीनी कार्रवाई नहीं करेगा।