खुशी से जीवन जीने के 10 अनमोल रतन !!

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“खुले आसमान में जमीन की तलाश ना कर,
जी ले ज़िंदगी खुशी की तलाश ना कर,
तकदीर बदल जायेगी अपने आप ही,
दोस्त, मुस्कराना सीख ले वजह की तलाश ना कर”

पहले के मुकाबले आज इंसान की जिन्दगी इतनी आसान और सहूलियत भरी हो गयी है जितना शायद उसने कभी सोचा भी ना था, आज इंसान लाइट, पंखे, एयर कंडीशन या हीटर का केवल एक बटन दबाते ही अपने कमरे को रौशन, ठंडा या गरम कर सकता है, पलक झपकते ही मोबाइल द्वारा हज़ारों मील दूर देश बैठे किसी व्यक्ति विशेष से बात कर सकता है और अपने शयन कक्ष में लेटे हुए टीवी द्वारा हज़ारों मील दूर हो रहे किसी दुसरे देश में खेल का आँखों देखा हाल देखकर आनंद उठा सकता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इतनी सहूलियत और आसान जिन्दगी जीने के बावजूद भी आज इंसान पहले से ज्यादा दुखी और परेशान क्यों है, क्यों पहले से ज्यादा लोग उच्च रक्तचाप और टेंशन से पीड़ित है ? क्यों पहले के मुकाबले ज्यादा आत्म-हत्याहें हो रही है ? बड़े तो बड़े स्कूल और कॉलेज में पड़ने वाले छात्र-छात्राएं तक क्यों अपने जीवन को समाप्त कर रहे है?
अगर आप इस पर विचार करेंगे तो आपको मालूम पडेगा कि आज इंसान के जीवन में कहीं ना कही खुशी की कमी आयी है या उसने दुःख दर्द को सुख से ज्यादा तवज्जो देकर बिना मतलब के अपने आप को खुशी से वंचित कर रखा है मतलब “इंसान के पास जो है वो उससे खुश ना होकर, जो नहीं है उससे दुखी होकर अपनी जिन्दगी को नष्ट कर रहा है”
आज हम आपको बताते है “खुश रहने के १० उपाय”, जिसे अपनाकर आप अपनी जिन्दगी को अधिक से अधिक खुशनुमा बना सकते है।
1- अपनी पसंद या जूनून का अनुसरण करें और हमेशा अपने अंतरात्मा की सुनें-आप हमेशा केवल वो ही कार्य करें जिसको आप दिल से करना चाहते है, सिर्फ पैसे या दिखावे के लिए कोई कार्य ना करें, जीवन में कई बार ऐसे अवसर आते है जहां आप ये तय कर सकते है की वास्तव में आप जिन्दगी में क्या करना चाहते है, अपनी भावनाओं की क़द्र करें तो आप कभी दुखी नहीं होगे और “अपने बच्चो को भी अमीर होने की शिक्षा ना दे बल्कि खुश रहने के संस्कार दें, इससे जब वो बड़े हो जायेंगे तो हमेशा वस्तुओं की क़द्र करेंगे, न कि उनकी कीमत की”, याद रखें अगर आप सचमुच कुछ अच्छा करना चाहते है तो आप ”अपने अंतरात्मा की आवाज़ जरूर सुनें।“
2- रोजाना मुस्कराहट जरूर बिखेरें- अगर आपका कोई मिलने वाला ज़िंदगी के बुरे दिनों से गुज़र रहा हो तो आप उसे खुश करने की पूरी कोशिश करें, मुस्कराहट चीज़ें आसान बनाती है और अपनी रूह को हल्का करती है। कहते है “प्रसन्नता तो चन्दन है दूसरे के माथे पे लगाइये, तो आपकी उंगलियाँ तो अपने आप महक उठेगी” इसलिए “जिस दिन आपके कारण किसी के चेहरे पर मुस्कान ना आये, समझ लेना वो आपका व्यर्थ दिन है”
3- आशावादी रवैया अपनाएँ– आशावादी रवैया अपनाने से जिन्दगी आसान और सुन्दर व्यतीत होती है।आप क्यों अपने जिन्दगी का कीमती वक़्त बिना मतलब की चिंता करके नष्ट करते है। सबसे पहले आप अपने दिमाग से सारी नकारात्मक सोच को हटाये और हमेशा याद रखें आप किसी और व्यक्ति से किसी बात में कम नहीं है, आप अन्दर से मजबूत बने और हमेशा सकारात्मक सोच रखें। “आप अपनी शक्तियों को पहचानो तो संसार आपको पहचानेगा।” क्या आपको मालूम है कि “एक तितली की उम्र मात्र १४ दिन की होती है पर फिर भी वह अपना हर एक दिन मौज मजे से बिताती है”, इस तरह आप भी “अपने आंसुओ को इतना महंगा कर दो कि कोई उन्हें खरीदने की कोशिश ना करें,
और अपनी मुस्कान को इतना सस्ता कर दो कि हर कोई उसे पाने की चाहत करें !”
“अगर जिन्दगी का असली जुत्फ़ उठाना हो तो “सब चिंताएं छोड़कर ऐसे जीओ जैसे ये दिन आपकी जिन्दगी का आखरी दिन हो”, इसलिए मिले हुए आपके इस अनमोल जीवन का एक एक पल खुशी से बिताकर उसका भरपूर आनंद उठायें। क्योंकि “उदासियों की वजह तो बहुत है ज़िंदगी में यारों, पर बेवजह खुश रहने का मजा ही कुछ और है “
4- हमेशा अच्छे कर्म करें- आज के ज़माने में हम जहाँ भौतिक चीज़ों को बहुत ज्यादा महत्व देते है और सिर्फ पैसा,ओहदा और प्रसिद्धि पाने के लिए ही काम करते है, लेकिन वहां कभी कभी हमें भी निस्वार्थ होकर कुछ ऐसे काम करने चाहिये जिससे हमें आत्म संतुष्टि मिले और दिल से खुशी मिले । कहा जाता है -“आपको यदि देने में खुशी होती है तो आपको कोई भी उदास नहीं कर सकता है, और यदि आपको सिर्फ लेने में खुशी होती है तो आपको हमेशा कोई खुश नहीं रख सकता है”
हमें हमेशा अपने से कमज़ोर लोगो पर दया करनी चाहिये, जितना हो सके दान धरम करके मन को शांत रखना चाहिए और हमें बार बार अपने से ऊपर वालों को ना देखकर कभी कभी अपने से नीचे वालों को भी देखना चाहिए (विशेष रूप से तब जब आप किसी कारण वश किसी काम में असफल होते है)।
अच्छे कर्म करके आप जग में ना सिर्फ अपना एक उदाहरण रख सकते है बल्कि किसी की निस्वार्थ सेवा या मदद करके आप ये साबित कर सकते है कि जग में अभी भी इंसानियत बाकी है, कहते है “बड़ा आदमी बनना अच्छी बात है, लेकिन अच्छा आदमी बनना बड़ी बात है”
5-रिश्तों को संजोये रखें- “जहां प्यार के लिए भी जिन्दगी बहुत कम है, वहाँ नफरत को कभी दिल में जगह नहीं देनी चाहिए” और दुसरों के द्वारा की गयी गलतियों को भुला देना चाहिए, एक बड़ा दिल रख के “हमें माफ़ कर देना चाहिए उनको जिन्हें हम भुला नहीं सकते, भूल जाना चाहिए उन्हें जिन्हें हम माफ़ नहीं कर सकते” और दूसरों को खुश करने की कोशिश भी करनी चाहिए क्योंकि “अगर सब खुश होंगे तो हम अपने आप खुश रहेंगे” इसको अगर घुमाकर कहें तो कह सकते है। अपनों से छोटी छोटी बातों पर नाराज़ ना होकर, बड़ा दिल रख कर मुस्करा कर उन्हें अपना लेना चाहिए क्योंकि ”रोने से आंसू भी पराये हो जाते है और मुस्कराने से पराये भी अपने हो जाते है”
6- सदा संतोषी बने- कहते है “संतोषी सदा सुखी”, इसलिए जीवन में जो मिला है हमेशा उसमें खुश रहने की कोशिश करें, किसी संत ने कहा है “प्रसंता ईश्वर की सर्वाेपरि भक्ति है”, भगवान् भी उसको सबसे ज्यादा चाहता है जो भगवान् के दिए हुए में सदा खुश रहता है, तो जो है हमें उसका अधिक से अधिक से प्रयोग करके खुश रहना चाहिए और जो नहीं है उसके लिए ज्यादा बेफिक्र ना होकर ये समझना चाहिए कि जिस दिन उसकी ज्यादा जरूरत होगी, भगवान् उसे हम तक पहुंचा ही देगा अगर वो चीज़ आज हमारे पास नहीं है तो उसका कुछ कारण होगा और हमें उस कारण को भी ज्यादा तलाश करने की जरूरत इसलिए नहीं है क्योंकि हमें समझना चाहिए कि “इंसान अभी इतना समझदार नहीं हुआ की रब के लिखे को समझ सकें”

7- कभी अपनी तुलना दूसरों से ना करें – “ भगवान् ने हमें जैसा बनाया है और जितना दिया है उसकी तुलना दूसरों से करके हम सिर्फ खुद को तकलीफ पहुंचाते है, हमें अगर तुलना करनी है तो हमेशा अपने आप से करनी चाहिए न कि दूसरों से और कोशिश करके अपने आप को पहले से और अधिक सक्षम बनाना चाहिये.
यहाँ ये बात ध्यान रखनी चाहिए की जीवन में सफलता और खुशी दोनों समान नहीं है, ये जरूरी नहीं है कि हर सफल आदमी खुश हो, या हर खुश आदमी अपने जीवन में सफल हो, जीवन में सफल होने के लिए या कुछ पाने के लिए हमें कुछ खोना पड़ता है जिससे हमारी खुशियों में कमी आती है, जबकि खुश रहने के लिए इन सब बातों को भूलना पड़ता है कि हम जिन्दगी में कितने सफल हुए है और भगवान् ने हमें जो दिया है उसमें खुश रहना सीखना पड़ता है ।

8- वर्तमान में जीयें -“गुज़री हुई जिन्दगी को याद ना कर, लिखा है जो नसीब में वो फ़रियाद ना कर, जो होना होगा वो होकर रहेगा, इस फिक्र में तू कीमती हंसी को बर्बाद ना कर”
इंसान के लिए ये बहुत जरूरी है कि वो भूतकाल और भविष्य की चिंता छोड़कर आज में जिए, नहीं तो वो भूत की चिंता और भविष्य की फिक्र में वो चल रहे आज का भी आनंद नहीं उठा पायेगा। याद रखेंरू
9-अपने आप में विश्वास रखें – “अपने आप में विश्वास रखने भर से आधे काम हो जाते है” अगर अपने आप पर विश्वास हो तो कोई दिक्कत भी आती है तो इंसान उसका ख़ुशी खुशी मुकाबले करता है और उसमें जीत भी हासिल करता है। क्योंकि-“मुश्किल राहें भी आसान हो जाती है, हर राह पर पहचान हो जाती है,जो लोग मुस्करा के करते है सामना,
किस्मत उनकी गुलाम हो जाती है”इसीलिए अगर जिन्दगी खुशी से बितानी है तो खुद पर जरूर विश्वास करें ,खुशी एक ऐसा एहसास है, जिसकी हर किसी को तलाश है,गम एक ऐसा अनुभव है जो सबके पास है,पर जिन्दगी तो वही जीता है, जिसको खुद पर विश्वास है”
10- अपना कुछ समय अपने परिवार व मित्रों के साथ जरूर बिताएं – आदमी को सबसे ज्यादा खुशी अपने परिवार और अपने दोस्तों के सात बिताएं हुए समय में ही मिलती है तो जितना हो सके अपने काम से समय निकालकर आप उसे अपने परिवार और मित्रों के साथ अपना पसंदीदा कोई खेल या सैर सपाटा करके व्यतीत करना चाहिए और जिन्दगी का अधिक से अधिक आनंद उठाना चाहिए,क्योंकि सिर्फ परिवार के कुछ अपने और सच्चे मित्र ही हमें निस्वार्थ चाहते है और हमारे साथ सुख और दुःख में साथ रहते है, “अपनों के साथ सुख दुगना और दुःख आधा हो जाता है।“ मेरे कहने का मतलब है कि अगर अपने साथ में होते है हमें बहुत खुशी होती है क्योंकि वो काफी बातें बिना कहे-सुने ही समझ जाते है इसलिए उनके साथ समय व्यतीत करके हमें अत्यंत खुशी महसूस होती है।(अनिल कुमार )

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