हरीश-प्रीतम के बीच वाकयुद्ध: बीच में उतरे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष, बोलें शर्म करो
हरीश रावत और प्रीतम सिंह के बीच में छिड़े वाकयुद्ध में आखिरकार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को उतरना पड़ा है। विधानसभा चुनाव में पूर्व सीएम हरीश रावत अघोषित तौर पर खुद को मुख्यमंत्री का चेहरा बताते हुए आगे बढ़ रहे थे तो पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़े जाने की बात पर अड़े थे। चुनाव में हार मिली तो अब दोनों ही इन मुद्दों को हार की वजह बता रहे हैं।
देहरादून । विधानसभा चुनाव में पूर्व सीएम हरीश रावत अघोषित तौर पर खुद को मुख्यमंत्री का चेहरा बताते हुए आगे बढ़ रहे थे तो पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़े जाने की बात पर अड़े थे। चुनाव में हार मिली तो अब दोनों ही इन मुद्दों को हार की वजह बता रहे हैं। हरीश रावत जहां खुद और पार्टी की हार के लिए प्रीतम का नाम लिए बैगर उनकी ओर इशारा कर रहे हैं, वहीं प्रीतम ने भी खुले तौर पर मोर्चा खोल रखा है।
उन्होंने वर्ष 2016 में पार्टी में हुई बगावत के लिए सीधे तौर पर हरीश को जिम्मेदार ठहरा दिया। उनका कहना है कि वर्तमान में पार्टी की जो हालत है, उसके लिए वर्ष 2016 की बगावत प्रमुख वजह है। तब जो लोग कांग्रेस छोड़कर चले गए थे, उसकी वजह से आज पार्टी कमजोर हुई है। प्रीतम का कहना है कि किसी को भी इस बात का गुमान नहीं होना चाहिए कि उनकी वजह से हार-जीत होती है। कांग्रेस में शुरू से सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़े जाने की परंपरा रही है।