रणजीत रावत के राजनीतिक मैदान पर सेंध लगाया हरीश रावत ने

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हल्द्वानी। पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति अध्यक्ष हरीश रावत रामनगर से चुनाव लड़ेंगे। इससे अब रणजीत रावत के सामने मुश्किलें खड़ी हो गई है। रणजीत पिछले पांच साल से इस सीट पर सक्रिय रूप से काम कर रहे थे। रणजीत के सल्ट सीट से चुनाव लडऩे की चर्चाओं को और बल मिल गया है।

हरीश रावत और रणजीत रावत के बीच राजनीतिक दूरियां वर्ष 2017 चुनाव के बाद बढ़ गई थी। इससे पहले रणजीत हरीश के सबसे करीबी व डिप्टी सीएम माने जाते थे। रणजीत ने सल्ट छोड़कर रामनगर से 2017 में चुनाव लड़ा। तब उन्हें भाजपा के विधायक दीवान सिंह बिष्ट से हार का सामने कराना पड़ा। इसके बावजूद रणजीत की सक्रियता कम नहीं हुई। उन्होंने कोरोना संक्रमण की पहली लहर व हाल में आई आपदा में जनता के लिए कई तरह की मदद की।

कांग्रेस की दूसरी लिस्ट जारी होने पर उनका नाम कट गया। हरीश रावत खुद रामनगर से चुनाव प्रत्याशी बन गए है। हालांकि हरीश रावत के लिए भी यह रण इतना आसान नजर नहीं आ रहा है। रणजीत के समर्थक चाहते हैं कि वह रामनगर से ही निर्दलीय चुनाव लड़ें। इसपर रणजीत जल्द अपना मूड स्पष्ट कर सकते हैं। वहीं हरीश रावत भी पिछले एक साल से रामनगर में सक्रिय हो गए थे।

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