उत्तराखंड में दलित सीएम वाले बयान से जनता ने बनाया हरीश रावत का मजाक ,कहा ये सत्ता पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते है

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देहरादून । .. उत्तराखंड में दलित मुख्यमंत्री वाले बयान के बाद प्रदेश की जनता ने पूर्व सीएम हरीश रावत का मजाक बना दिया कहा ये तो सत्ता पाने के लिए कुछभी बयानबाजी कर सकते है। और हद पार कर सकते है। सबसे पहले तो यही स्पष्ट संकेत आ रहा है कि रावत खुद को मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर रखना चाह रहे हैं. दूसरी तरफ, उनके इस बयान का सीधा ताल्लुक राज्य में जाति की राजनीति को बढ़ावा देने के तौर पर समझा जा रहा है. यहां यह बात याद रखने की है कि उत्तराखंड की आबादी का करीब 18 फीसदी हिस्सा दलितों की संख्या का है।
प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के प्रमुख रावत ने कहा, “यह कम महत्वपूर्ण है कि आज दलित मतदाताओं की संख्या क्या है, बल्कि अधिक महत्वपूर्ण यह है कि उन्होंने कांग्रेस को सत्ता में बने रहने में कितनी मदद की है. अवसर आने पर हम उनका ‘कर्ज’ चुका देंगे. मैं उन्हें आश्वस्त करना चाहता हूं कि कांग्रेस उनकी उम्मीदों को पूरा करने के लिए आगे बढ़ेगी.” अब सियासी गलियारों में इस बयान का पूरा अर्थ क्या निकल रहा है?
भाजपा ने कहा, विरोधाभास रावत के इस बयान को आड़े हाथों लेते हुए भाजपा ने कहा कि यह उत्तराखंड में जातिगत राजनीति को हवा देने की कोशिश है. रावत के मशविरे को खारिज करते हुए बीजेपी ने कहा कि उनका बयान विरोधाभासी है. कांग्रेस पार्टी सार्वजनिक तौर पर जो शिक्षा देती है, उस पर खुद अमल नहीं करती. भाजपा ने साफ तौर पर इसे वोटरों को रिझाने की सियासत करार दिया. इसका जबाब जनता ही देगी ।

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