हरीश रावत की पोल खुली ,खोज निकाला रमजान में जुमे की छुट्टी का आदेश, पूछा- क्या अब हरीश रावत करेंगे संन्यास की घोषणा

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जबसे उत्तराखंड का उदय हुआ तब से हरीश रावत ने ठान ली थी कि इस देवभूमि को इस्लामिक प्रदेश बनाएंगे लेकिन हरीश रावत के ख्वाब पूरे नहीं हो सके अब हरीश रावत का राजनीतिक सफर लालकुआं से अस्त हो जायेगा

देहरादून । रमजान में जुमे की छुट्टी का जिन्न चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर बोतल से बाहर निकल आया है। भाजपा ने छुट्टी के आदेश को खोज निकाला है और हरीश रावत से ये सवाल पूछा कि वे कब संन्यास लेंगे।

उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा के चुनाव के लिए इन दिनों चल रही जोर आजमाइश के बीच रमजान में जुमे की छुट्टी का जिन बोतल से फिर बाहर निकला है। हरीश रावत के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए इससे संबंधित अल्पावकाश के आदेश को भाजपा ने ढूंढ निकाला। भाजपा नेता एवं बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने ट्विटर पर 29 दिसंबर 2016 के इस आदेश की प्रति साझा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से पूछा है कि अब वह संन्यास लेने की घोषणा कब करेंगे।

जुमे (शुक्रवार) की नमाज की छुट्टी को लेकर भाजपा और कांग्रेस के मध्य लंबे समय से आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चल रहा है। भाजपा इस मुद्दे के आलोक में तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए कांग्रेस को घेरती आ रही है। यद्यपि, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कांग्रेस की ओर से यही कहा गया कि कांग्रेस के कार्यकाल में ऐसा कोई आदेश जारी ही नहीं हुआ। विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले भी यह विषय चर्चा के केंद्र में रहा।

गत वर्ष नवंबर में पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस की चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने इंटरनेट मीडिया पर गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा को चुनौती दी थी। उन्होंने कहा था कि यदि भाजपा उनके मुख्यमंत्रित्वकाल में जुमे की छुट्टी का कोई आदेश या अधिसूचना दिखा दे तो वह तत्काल राजनीति से संन्यास ले लेंगे। साथ ही यह भी कहा कि यदि भाजपा ऐसा प्रमाणित नहीं कर पाती है तो गृह मंत्री शाह को गलतबयानी के लिए सार्वजनिक रूप से खेद जताना होगा

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