बढ़ते प्रदुषण से आंखों में भारी बीमारी, ऐसे करें

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लगातार बढ़ता प्रदूषण न सिर्फ हमारे फेफड़ों, दिल, दिमाग़ और त्वचा को प्रभावित करता है बल्कि इससे आंखों पर भी असर पड़ता है। स्मॉग से कई लोग आंखों में जलन, पानी और खुजली की शिकायर कर रहे हैं। ऐसे इसलिए क्योंकि प्रदूषण के छोटे-छोटे कण आंखों को भी इरिटेट करते हैं। साथ ही टेक्नोलॉजी ने जहां हमारी ज़िंदगी आसान बनाई है, वहीं इसके होने वाले नुकसान भी कई हैं। सबसे बड़ा तो इसकी लत है, जिससे पीछा छुड़ाना बेहद मुश्किल है। ज़रूरत से ज़्यादा लैप्टॉप, मोबाइल, टीवी का उपयोग आपकी आंखों को प्रभावित करता है। इससे आखों में जलन, खुजली, दर्द, थकावट और सिर की शिकायत होने लगती है। आजकल वर्क फ्रॉम होम की वजह से हम सभी का काम बढ़ गया है। लगातार स्क्रीन पर देखने से ड्राई आइज़ की समस्या बेहद आम हो गई है। जिस तरह हमारे शरीर को आराम की ज़रूरत होती है, उसी तरह आंखों को भी आराम की ज़रूरत होती है।

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क्या है ड्राई आइज़?

आंखों का सूखापन या ड्राई आई डिज़ीज़ (DED) तेज़ी से बढ़ रही आंखों की समस्या है। डीईडी तब होता है जब मीबोमियन और लैक्रिमल ग्रंथियां पर्याप्त तेल और पानी के तरल पदार्थ उत्पन्न करने में विफल हो जाती हैं, या दूसरे शब्दों में कहें तो जब आप अपनी आंखों को चिकनाई और पोषण देने के लिए पर्याप्त गुणवत्ता वाले आंसू नहीं पैदा करती हैं। उचित मात्रा में आंखों में आंसु पैदा नहीं होने के चलते आंखों में नमी कम हो जाती है, जिसके चलते आंखों से संबंधी कई तरह की समसम्याओं का सामना करना पड़ात है। ड्राई आई डिज़ीज़ आंखों की एक बहुत ही कष्टकारक समस्या है।

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