हाईकोर्ट नैनीताल का सख्त आदेश, हेल्थ वर्करों को पुनरीक्षित वेतनमान दे

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नैनीताल। : हाई कोर्ट ने हेल्थ वर्करों को पुनरीक्षित वेतनमान देने का आदेश पारित किया है। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को सही ठहराते हुए सरकार की विशेष अपील खारिज कर दी। अब इस आदेश से करीब 500 हेल्थ वर्कर लाभान्वित होंगे। इससे सरकार पर सरकार पर करीब 120 करोड़ से अधिक का वित्तीय भार बढ़ेगा।

यह मामला अविभाजित उत्तर प्रदेश के समय का है। दरअसल, उत्तर प्रदेश हेल्थ वर्कर हेल्थ सुपरवाइजर अधिनियम में वेतन विसंगति को लेकर 1983 में इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल हुई थी। 11 मार्च 1988 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पुनरीक्षित वेतनमान देने का आदेश दे दिया था। इस आदेश के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने इस अधिनियम प्रभावी करने के साथ ही 23 जुलाई 1981 से पुनरीक्षित वेतनमान दिए जाने का आदेश भी जारी कर दिया था। इसी एक्ट के तहत 16 जुलाई 2010 को उत्तराखंड सरकार ने भी शासनादेश जारी कर 23 जुलाई 1981 से 30 जून 2010 तक प्राकल्पितआधार पर पुनरीक्षित वेतनमान का आदेश दे दिया। इस जीओ को याचिका के माध्यम से हाई कोर्ट में चुनौती मिली।यह भी पढ़ें

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