कब तक रहेगी कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती
न्याय के देवता शनि ही एकमात्र ऐसे ग्रह हैं जिनकी साढ़ेसाती या ढैय्या राशियों पर रहती है. चूंकि शनि ढाई साल में राशि गोचर करते हैं और जब एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो 3 राशियों पर साढ़ेसाती और 2 राशियों पर ढैय्या चलती है. जैसा कि नाम से जाहिर है ढैय्या ढाई साल की होती है और साढ़ेसाती में ढाई-ढाई साल के 3 चरण होते हैं. इस तरह साढ़ेसाती के 3 चरण होते हैं. इसमें सबसे ज्यादा मुश्किल होता है दूसरा चरण.
शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण आर्थिक, शारीरिक, मानसिक सभी तरह से कष्ट देता है. करियर में तरक्की पाने की जातक की तमाम कोशिशें बेकार चली जाती हैं. हर काम में बाधा आती है. इसलिए साढ़ेसाती के दूसरे चरण को सबसे ज्यादा कष्टदायी माना जाता है
कुंभ पर साढ़ेसाती
साल 2023 में शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही कुंभ राशि पर साढ़े साती का दूसरा चरण प्रारंभ हो गया था. जो कि साल 2025 तक चलेगा. मार्च 2025 में जब शनि मीन राशि में प्रवेश करेंगे तब ही दूसरा चरण समाप्त होगा और तीसरा चरण प्रारंभ हो जाएगा. वहीं पूरी तरह से साढ़ेसाती से मुक्ति पाने की बात करें तो शनि 29 मार्च 2025 से 3 जून 2027 तक मीन राशि में रहेंगे. इस तरह जून 2027 में शनि के मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करने पर ही कुंभ राशि को साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी ।
कुंभ राशि के लिए शनि शुभ या अशुभ?
कुंभ राशि के स्वामी शनि हैं. शनि की मूल त्रिकोण राशि कुंभ है इसलिए वे कुंभ राशि के जातकों को कम ही कष्ट देते हैं. वहीं जो जातक इस दौरान अच्छे कर्म करें और उनकी कुंडली में भी शनि शुभ हो तो साढ़ेसाती में भी इन जातकों के वारे-न्यारे हो जाते हैं. शनि उन्हें खूब फायदा देते हैं ।