आरटीपीसीआर की फर्जी रिपोर्ट से आखिर कैसे रूकेगी महामारी
पांच हजार रूपये प्रति फर्जी रिपोर्ट बनाने के लिए जाते है
देहरादून । कोरोना महामारी के चलते या कैसे भी महामारी आ जाय लेकिन भ्रष्टाचार सबसे आगे रहता है।लोगों का अब हर जांच से विश्वास उठते जा रहा है। जो लोग नेगेटिव है उन्हें पांजटिव रिपोर्ट पकड़ा रहे है। उत्तराखंड के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के छापे में इस मामले का खुलासा हुआ था। पुलिस के अनुसार आरोपी युवक ने दिल्ली से आए आठ युवकों से फर्जी रिपोर्ट के लिए पांच हजार रुपये लिए थे।दूसरा आरोपी बूथ पर यात्रियों का एंटीजन टेस्ट करने वाली कंपनी का कर्मचारी था। शुक्रवार को उत्तराखंड के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के छापे में इस मामले का खुलासा हुआ था। पुलिस के अनुसार आरोपी युवक ने दिल्ली से आए आठ युवकों से फर्जी रिपोर्ट के लिए पांच हजार रुपये लिए थे। पुलिस के अनुसार आरोपी महिला इससे पहले 22 फर्जी रिपोर्ट बनाकर दे चुकी है।
एसएसपी तृप्ति भट्ट ने बताया कि शिकायत मिली थी कि ढालवाला चेकिंग बूथ पर एंटीजन टेस्ट करने वाली टीम में शामिल कुछ लोग पैसे लेकर बाहर से आने वाले यात्रियों को फर्जी आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट दे रहे हैं। शुक्रवार को वहां कृषि मंत्री के छापे के बाद मामले की जांच की गई तो पता चला कि दिल्ली से आए आठ लोगों से पांच हजार रुपये लेकर फर्जी रिपोर्ट तैयार की गई थी।
उन्होंने बताया कि मामले में यात्रियों की एंटीजन जांच करने वाली टीम में शामिल विनय बिष्ट से पूछताछ की गई। उसने बताया कि एक पैथोलॉजी लैब में ऑपरेटर के पद पर काम करने वाली शीतल स्नेही को 1600 रुपये देकर झूठी रिपोर्ट तैयार कराई थी।
एसएसपी ने बताया कि दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। साथ ही मामले की जांच की जा रही है। कहीं इस फर्जीवाड़े में कोई बड़ा गैंग तो नहीं काम कर रहा है।
मुनिकीरेती थाना प्रभारी कमल मोहन भंडारी ने बताया कि दोनों आरोपियों को नरेंद्रनगर न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया। न्यायालय के आदेश पर दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। उधर, मुनिकीरेती कोतवाली प्रभारी कमल मोहन भंडारी ने बताया कि विनय बिष्ट लैब से खास पहचान होने का हवाला देते हुए एक घंटे में आरटीपीसीआर रिपोर्ट उपलब्ध कराने की बात कहकर लोगों को फंसाता था।
वहीं शीतल फर्जी जांच रिपोर्ट का प्रिंट निकालती थी। दिल्ली से आए आठ युवकों से विनय बिष्ट ने आरटीपीसीआर जांच के लिए पांच हजार रुपये लिए थे। जिसमें से 1600 रुपये उसने शीतल स्नेही जाटव को दिए थे। कोतवाली प्रभारी के अनुसार पूछताछ में शीतल ने बताया कि इससे पहले वह 500 रुपये के हिसाब से 22 फर्जी रिपोर्ट तैयार कर दे चुकी है।दोनों के खिलाफ संबधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।