पति -पत्नी जिलाधिकारी पहाड की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं बच्चे की पढ़ाई आंगनबाड़ी मे
जहां एक और इन दिनों गरीब से गरीब माता-पिता भी अपने बच्चों को अच्छे से अच्छे स्कूलों और प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने का सपना देखतें हैं। वही आज हम आपको उत्तराखंड के एक ऐसे माता-पिता के बारे में बताएंगे जो आईएएस अफसर होने के बावजूद भी जिन्होंने अपने बच्चे का एडमिशन किसी महंगे या बड़े प्राइवेट स्कूल में नहीं बल्कि आंगनबाड़ी केंद्र में कराया।बात हो रही है उत्तराखंड के होनहार आईएएस अफसर नितिन भदौरिया एवं स्वाति भदौरिया की।जी हां इन दोनों आईएएस दंपति ने अपने बेटे का एडमिशन आंगनवाड़ी केंद्र में कराकर सभी के लिए एक नई मिसाल पेश की है।
आपको बता दे की नितिन भदौरिया एवं स्वाति भदौरिया दोनों ही आईएएस अफसर है। जहां नितिन भदौरिया 2011 के बैच के आईएएस अफसर हैं तो वही स्वाति भदौरिया 2012 बैच की आईएएस अफसर है। वह ऑल इंडिया 74 वीं रैंक के साथ छत्तीसगढ़ की आईएएस अफसर बनी थी। साथ ही वह पूर्व में कई पदों का कार्यभार संभालते हुए चमोली डीएम भी रह चुकी हैं तो वही नितिन भदौरिया भी पूर्व में अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ डीएम के रूप में कार्यरत रह चुके हैं।
हर बार अपने कामों को लेकर चर्चा में रहते हैं और एक दूसरे को हमेशा आगे बढ़ाने में मदद करते रहते हैं। स्वाति भदौरिया गोरखपुर की रहने वाली है तो वही नितिन भदौरिया उत्तराखंड के रहने वाले हैं। स्वाति भदौरिया ने आईएएस बनने के बाद नितिन भदौरिया से शादी की और छत्तीसगढ़ से अपना ट्रांसफर उत्तराखंड केंडर में कर लिया। यह दोनों बहुत ही साधारण कपल है जो हमेशा से ही सादगी की मिसाल पेश करते आये हैं। इस जोड़ी ने हमेशा ही एक दूसरे का साथ दिया।
साल 2016 में जब नितिन भदौरिया को पिथौरागढ़ का डीएम बनाया गया था तो उनकी पत्नी स्वाति भदौरिया उस समय प्रेग्नेंट थी जिस कारण वह डीएम का पादभार ग्रहण नहीं कर पाए लेकिन फिर भी उनके कामों के चलते उन्हें एसडीओ बनाया गया। उसके बाद साल 2018 में दोनों ही पति पत्नी को डीएम का पद मिला जिसमे स्वाति भदौरिया को चमोली का डीएम और नितिन को अल्मोड़ा डीएम बनाया गया था।