लड़की हूं लड़ सकती हूं , हरीश रावत ने मेरे स्वाभीमान को ठेस पहुॅंचाई – संध्या डालाकोटी
लांलकुआ । कांग्रेस की पहली लिस्ट जब जारी हुई उस वक्त लालंकुआ विधान सभा क्षेत्र से संध्या डालाकोटी को टिकट दिया गया ,सध्या ने चुनाव प्रचार व घर-घर संपर्क करते आ रही थी , दूसरी लिस्ट जारी होने पर सध्या का टिकट निरस्त कर दिया व पूर्व सीएम हरीश रावत पैरासूट से लांलकुआ सीट पर उतर आए जिसे संध्या डालाकोटी व उसके समर्थकों को बड़ा झटका लगा साथ ही संध्या को हरीश रावत ने नीचा दिखाने के लिए इस तरह की रणनीति रची ।
नाम वापसी तक संध्या से कहा जा रहा था कि अपना नामांकन वापस ले ले लेकिन सध्या ने कहा यह मेरा स्वाभीमान का सवाल है ं मैं ( संध्या) लड़की हूॅं लड़ सकती हूॅ। हरीश रावत पैरासूट की तरह इस विधान सभा में आये है, यह बात कुछ ही काग्रेसियों को पूर्व में मालूम था आम जनता को कोई जानकारी नहीं थी ।
अब विधान सभा की जागरूक जनता का कहना है कि हरीश रावत को यहां कोई ठिकाना तो है नहीं ,जीतने के बाद उन्हें कहां ढूंढते फिरेगें ये तो पैरासूट की तरह यहां आए है तो उसी तरह यहां चले जायेगें ,हरीश रावत की मुश्किलें घटने के बजाय बढ़ गई है। आजतक हरीश रावत किसी के सुख दुख में शामिल हुए कभी नहीं हुए ।
संध्या ने कुछ इस तरह कहा था, ‘कांग्रेस के निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में मैंने 12-12 घंटे क्षेत्र में रह कर अपना घर बार छोड़कर सबके लिए काम किया. कोरोना काल में अपने हाथों से पैकेट बनाकर हज़ारों तक राशन पहुंचाया. बिंदुखत्ता आपदा की एक पीड़िता को निजी ज़मीन दान दी. परसों मेरे पितातुल्य दुर्गापाल जी ने मेरा अपमान किया और अब हरीश रावत जी ने. इसे मैं आखिरी सांस तक नहीं भूलूंगी. ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’नारा देने वाली पार्टी ने जो अपमान किया है, उस पर मैं आगे की रणनीति तय करूंगी.’