आपकी भूलने की बीमारी के पीछे कहीं ये कारण तो नहीं, जानें
अल्जाइमर आमतौर पर भूलने की बीमारी होती है जिसमें आफ हर छोटी से छोटी बात भूल जाते हैं, उदाहरण के तौर पर आपने 10 मिनट पर पहले अगर कोई काम किया है तो आपको याद नहीं रहेगा कि ये आपने किया था या नहीं. इस बीमारी का शिकार कोई भी हो सकता है लेकिन बुजुर्ग लोग इसके शिकार ज्यादा होते हैं.
नई दिल्ली। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदंगी में लोगों को कई तरह के रोग लग जाते हैं। इसमें से एक आम सा रोग हो गया है भूलना। लोगों को भूलने की आदत या बीमारी होने लगी है। पहले लोगों को इस समस्या का सामना उम्र बढ़ने के बाद करना पड़ता था लेकिन आजकल कम उम्र के बच्चों को भी ये समस्या हो रही है।
अहम ये है कि लोग पहले छोटी-छोटी चीजें भूलने लगते हैं लेकिन इसपर ध्यान नहीं देते और बाद में ये बढ़ कर अल्जाइमर या डिमेंशिया बीमारी का रूप ले लेती है। लेकिन इस समस्या के पनपने के पीछे क्या कारण है ये जानना भी जरूरी है। जानें वो कारण ताकी समय रहते इस समस्या से निपटा जा सके।
तनाव
देखा गया है कि लोगों में ज्घ्यादा तनाव या डिप्रैशन के कारण भूलने की बीमारी होने लगी है। तनाव या डिप्रैशन से जुड़े हार्माेन न्यूरॉन्स ब्रेन कोशिकाएओं के काम को धीमा करके भूलने का खतरा बढ़ाते हैं।
अधूरी नींद
ये तो हर कोई जानता है कि एक दिन में शरीर के लिए कम से कम 7-8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। लेकिन आजकल काम और अपने लाइफस्टाईल के कारण लोग नींद पूरी नहीं कर पाते हैं। नींद पूरी न होने से दिमाग पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में लोग धीरे-धीरे चीजें भूलने लगते हैं जो बाद में बढ़कर अल्जाइमर का रूप ले लेती है।
धूम्रपान
शराब और सिगरेट शरीर के लिए बेहद हानिकारक है। इसके इस्तेमाल से जहां शरीर के कई अंग खराब होते हैं वहीं ये भूलने की बीमारी का कारण भी है। विशेषज्ञों ने कहा है कि धूम्रपान की वजह से दिमाग की रक्त धमनियां संकरी हो जाती हैं और मस्तिष्क तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती। यहा कारण है की इसका सेवन करने वाले धीरे-धीरे चीजें भूलने लगते हैं।
बी12 की कमी
शरीर को स्वस्थ रहने और लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए विटामिन बी12 की आवश्यकता होती है। शरीर में इस विटामिन की कमी होने से मेमोरी लॉस, भूलना, चिड़चिड़ाहट और तनाव जैसी समस्या होती है। यही बाद में डिमेंशिया का कारण बन जाता है। खाने में मछली, पालक, पनीर, अंडे और दूध से बनी चीजों को शामिल करके इसकी कमी को पूरा किया जा सकता है।
ज्यादा दवाइयों का सेवन
हर छोटी से छोटी समस्या के लिए आजकल लोग दवाईयां लेने लगते हैं। लेकिन वो ये नहीं जानते की ज्यादा दवाइयों का सेवन करना भूलने की बीमारी का कारण है। सलाह दी जाती है कि डॉक्टर की सलाह के बिना एंटी-ड्रिप्रेसेंट्स, नींद की गोलियां, दर्द के लिए दवाएं और कोलेस्ट्रॉल-कम करने वाले स्टेटिन का सेवन नहीं करना चाहिए।
ज्यादा टेंशन लेना
काम के कारण लोग जल्दी तनावग्रस्त होने लगे हैं। ऐसे में वो परेशाान होकर चीजें भी भूलने लगे हैं। तनाव बढ़ने से दिमाग का हिप्पोकैम्पस कमजोर हो जाता है जो याद रखने की क्षमता को कमजोर करता है। इससे बचने के लिए योगा और व्यायाम करें और अच्छा खाना खाएं।
हाइपोथायरायडिज्म
हाइपोथायरायडिज्म के कारण शरीर पर्याप्त मात्रा में थायराइड हार्माेन नहीं बना पाता। इसी हार्माेन से दिमाग और सोच को नियंत्रण में रखा जाता है। इस हार्माेन के न बनने से लोग भूलने की बीमारी का शिकार होने लगते हैं।
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बचने के उपाय
खाने में बादाम और ड्राई फ्रूट्स शामिल करें।
हरी सब्जियां जैसे फलियां या साबुत अनाज, मछली, जैतून का तेल और फल खाने से भी दिमाग तेज होता है।
भले ही उम्र बढ़ रही हो लेकिन अपना काम खुद करना चाहिए। इससे अल्जाइमर रोग होने का खतरा कम होता है और याददाश्त भी तेज होती है।
ग्रीन टी पीने से भूलने की बीमारी के दौरान दिमाग में बढ़ने वाले जहरीले बीटा-एमिलॉयड नामक प्रोटीन का प्रभाव कम किया जा सकता है।
दिन की शुरुआत रोज 15-20 मिनट योगा और व्यायाम के साथ करें।
सुबह-शाम 10 मिनट की सैर भी दिमाग को एक्टिव बनाती है।