पेपर लीक मामले में सभी गैंगस्टरों को न्यायलय ने दी आसानी से बेल, सफेदपोश को बचाया जा रहा है
लोगों को आरोपी बनाया था. जिसमें कई मुख्य सरगना थे. जिनमें हाकम सिंह, दिनेश चन्द्र जोशी, चन्दन मंडराल, मनोज जोशी सहित 21 आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी. बताया गया था कि इन आरोपियों ने स्नातक स्तर की भर्ती ही नहीं बल्कि अन्य भर्तियों में भी घोटाले किए हैं. इनको कठोर सजा हो जिसके लिए एसटीएफ ने इन 21 आरोपियों के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई की थी. लेकिन इसके बावजूद इन आरोपियों को आसानी से जमानत मिलती जा रही है.जिन्होनें युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया है एक जघन्य अपराध किया है उन्हें न्यायालय बड़ी आसानी से जमानत दे रही है।
देहरादून उत्तराखंड का बहुचर्चित ‘उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग’ भर्ती घोटाला जितनी जल्दी परवान चढ़ा उतनी ही तेजी से अब जमीन छूने लगा है. आलम ये हैं कि ैज्थ् ने जिन आरोपियों को पूरे घोटाले का सूत्रधार बता कर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की थी, वो भी आसानी से जमानत पर छूटते जा रहे हैं. आरोपियों के आसानी से छूटने के मामले में अब ैज्थ् पर भी सवाल उठने लगे है एसटीएफ पर सवाल उठने का बड़ा कारण ये भी है कि जिन आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई की गई उन्हें भी अदालत से आसानी से जमानत मिल रही है.
गौरतलब है कि उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी पर लीक मामले में जुलाई महीने में थाना रायपुर में एफआईआर दर्ज हुई थी. जिस पर जांच कर रही ैज्थ् ने 41 आरोपियों को अरेस्ट किया था. जिसमें सबूतों की कमी से 18 आरोपियों को आसानी से कोर्ट से बेल मिल गयी है. जिनमें गैगस्टर एक्ट के आरोपी भी शामिल हैं. वहीं अन्य आरोपियों की जमानत अर्जी भी कोर्ट में दाखिल हो चुकी है. जिन पर जल्द सुनवाई होगी.
आरोपियों को आसानी में मिली जमानत
आपको बता दें कि पूरे मामले में एसटीएफ ने कई लोगों को आरोपी बनाया था. जिसमें कई मुख्य सरगना थे. जिनमें हाकम सिंह, दिनेश चन्द्र जोशी, चन्दन मंडराल, मनोज जोशी सहित 21 आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी. बताया गया था कि इन आरोपियों ने स्नातक स्तर की भर्ती ही नहीं बल्कि अन्य भर्तियों में भी घोटाले किए हैं. इनको कठोर सजा हो जिसके लिए एसटीएफ ने इन 21 आरोपियों के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई की थी. लेकिन इसके बावजूद इन आरोपियों को न्यायलय से आसानी से जमानत मिलती जा रही है.।