चमोली में बादल फटने से मजदूरों की झोपड़िया दबी,हाईवे बंद
चमोली ।जिले के नारायणबगड़ में तड़के बादल फटने की घटना में बीआरओ के मजदूरों की झोपड़ियां मलबे में दब गए हैं। इस दौरान परिजनों और स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए सभी बच्चों और महिलाओं को बचा लिया।किसी भी तरह का जानमाल का नुकसान नही हुआ है।
जानकारी के मुताबिक सोमवार सुबह नारायणबगड़ के पंती कस्बे के ऊपरी भाग में करीब 6 बजे बादल फटने से मंगरीगाड़ में आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है।गधेरे (बरसाती नाले) के सैलाब से कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे के किनारे बीआरओ के मजदूरों की करीब सात झोपड़ियां बह गईं। जब मलबा आया मजदूर अपनी झोपड़ियों में थे। जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। बाढ़ से मजदूरों के 19 परिवार बेघर हो गए हैं। वहीं एक दुकान में मलबा घुस गया है।
सभी मजदूर नेपाल और झारखंड के रहने वाले
मजदूरों के परिजनों और स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए सभी बच्चों और महिलाओं को सैलाब से बचा लिया। ये सभी मजदूर नेपाल और झारखंड के रहने वाले हैं। मलबे से कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे बंद हो गया है, जिसे खोलने के प्रयास जारी हैं।
नारायणबगड़ क्षेत्र भूगर्भीय दृष्टि से संवेदनशील
प्रत्यक्षदर्शी लोगों ने बताया कई दोपहिया वाहन व कार भी मलबे में दबे हुए हैं। प्रशासन घटनास्थल पर बहुत देर में पहुंचा ।