चंपावत में बगैर स्टार प्रचारकों के कांग्रेस प्रत्याशी हुए मायूस
चंपावत। दो विधानसभा सीटों वाले चंपावत जिले में कांग्रेस और भाजपा के बीच हमेशा सीधी भिड़ंत होती रही है। दोनों दल दोनों सीटों पर दो-दो बार जीते हैं। वर्ष 2017 में भाजपा दोनों सीटों पर जीती। इस बार भी दोनों सीटों पर भाजपा का पलड़ा भारी पड़ रहा है।
इस बार कांग्रेस की ओर से इस जिले में स्टार प्रचारक तो दूर, प्रदेश का भी कोई वरिष्ठ नेता चुनाव प्रचार करने नहीं आया। चंपावत जिले की दोनों सीटों में कांग्रेस का प्रचार प्रत्याशी और स्थानीय नेताओं ने ही किया। स्टार प्रचारक तो दूर, इस बार यहां पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत तक नहीं आए जबकि चंपावत सीट से बमुश्किल सात किमी दूर चकरपुर में पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत और खटीमा में यशपाल आर्या सहित कई दिग्गज पहुंचे। इसी तरह पिथौरागढ़ जिले में भी कई बड़े नेता प्रचार के लिए आए लेकिन चंपावत जिले में प्रदेश स्तर का भी कोई नेता नहीं पहुंचा।
कांग्रेस के विपरीत भाजपा की ओर से स्टार प्रचारकों ने इस जिले में प्रचार किया। चंपावत सीट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टनकपुर-बनबसा और मोदी सरकार के केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह ने चंपावत में जनसभा की जबकि लोहाघाट सीट पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने लोहाघाट में जनसभा की। प्रचार के इन तरीकों का चुनाव नतीजों पर क्या असर रहेगा ।