बागेश्वर के ग्रामीण क्षेत्रो में बाहरी प्रदेश के लोग फेरी का सामान बेचने के बहाने कहीं अपराध को अंजाम तो नहीं दे रहे है ,पुलिस मौन
बागेश्वर । नगर क्षेत्र में फुटपाथ पर पालिका ने फड़ लगाने की अनुमति दी है। फड़ व्यापारियों ने अपना संगठन भी बना लिया है। इसके अलावा बाहर से फेरी करने आने वाले लोगों को भी पालिका पंजीकरण के बाद फड़ लगाने की अनुमति देती है। वहीं, दुपहिया वाहनों में फेरीवाले लादकर सामान ले जाते हैं।जो यातायात नियमों के विरूद्व है पुलिस आंख बंद कर देती है। आजतक पुलिस ने मोटर साईकिल में सामान लादकर ले जाने वालों पर कोई कार्यवाही नहीं की न कभी इनकी पहचान की जा रही है।
तराई में गर्मी चरम पर है। पहाड़ों में बारिश होने के बाद मौसम बेहद खुशनुमा बना हुआ है। जिसके कारण बाहर से आ रहे फेरीवालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कपड़ा, कुर्सी, कबाड़ और अन्य सामान बाइक पर लादकर ले जाने वालों से व्यापारी परेशान हैं। नगर क्षेत्र की सड़कें संकरी हैं। ऐसे लोग नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं और जिससे जाम की स्थिति भी पैदा हो रही है। फेरीवालों को मनमर्जी की इजाजत नहीं का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। जिस पर अब ऐसे लोगों को शिकंजा कसना तय माना जा रहा है। जबकि नगर क्षेत्र में फड़ लगाकर फेरी करने वाले नहीं हैं। अस्पताल रोड पर फड़ लगाकर पालिका ने अतिक्रमण को आमंत्रण दिया है। जिससे यहां सबसे अधिक दिक्कतें पैदा हो रही है। क्या कहते हैं लोग
भारी-भरकम सामान दुपहिया वाहनों में लादकर जा रहा है। पुलिस भी ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने से बच रही है। फुटपाथ को घेरा जा रहा है। यह शहर के लिए अच्छा नहीं है।
- बबलू जोशी, व्यापारी यह एक तरह की अराजकता है। कई बार बैठकों में फेरीवालों का विरोध भी किया गया। लेकिन जिला प्रशासन कार्रवाई से बच रहा है। इससे स्थानीय दुकानदार भी प्रभावित हैं। कई बार ग्रामीण लोग ठगी के शिकार भी हो गए हैं।
- हरीश सोनी, अध्यक्ष व्यापार मंडल