महामारी के समय में मरीजों से गोल्डन कार्ड होने के बावजूद पैसा लेना गंभीर अपराध है और तत्काल सभी कार्ड धारक मरीजों के पैसे लौटाए जाएं:डी.के. कोटिया

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देहरादून । स्टेट हेल्थ एजेंसी ने कोरोना मरीजों के पास गोल्डन कार्ड होने के बावजूद फ्री इलाज न देने वाले अस्पतालों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। एजेंसी के चेयरमैन डीके कोटिया ने आज अस्पतालों के साथ बैठक की जिसमें यह हिदायद दी गई है।

डीके कोटिया ने अस्पतालों से कहा कि महामारी के समय में मरीजों से गोल्डन कार्ड होने के बावजूद पैसा लेना गंभीर अपराध है और तत्काल सभी कार्ड धारक मरीजों के पैसे लौटाए जाएं। उन्होंने कहा कि अभी तक 24 सूचिबद्ध अस्पताल 115 मरीजों से लिए गए 52 लाख से अधिक की धनराशि लौटा चुके हैं और सभी अस्पतालों को मरीजों के पैसे तत्काल लौटाने चाहिए।

उन्होंने कहा कि स्टेट हेल्थ एजेंसी अस्पतालों को मरीजों के इलाज के बदले भुगतान को तैयार है और यह भुगतान भी एक सप्ताह के भीतर कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मरीजों की सूची न सौंपने वाले व मरीजों का पैसा वापस न करने वाले अस्पतालों पर बाद में सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि सरकार के आदेशों का पालन न करना प्राइवेट अस्पतालों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है। ऐसे में सभी अस्पतालों को तत्काल मरीजों के पैसे लौटा देने चाहिए।

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