लाहौर घाटी के ग्रामीणों में भारी आक्रोश ,संचार समेत छह सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे
भाजपा अपने चार साल छह महिने में इस घाटी में एक पुलिया तक नहीं बना पाई अब आने वाले विधान सभा चुनाव में लाहौर घाटी की अनदेखी भाजपा को मंहगी पड़ सकती है इस घाटी में बाहर ग्राम पंचायतें है जिसमें लगभग दस हजार जनसंख्या वाली घाटी है इस घाटी के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। जनप्रतिनिधि केवल चुनाव के वक्त इस घाटी में आते है उसके बाद नजर नहीं आते है।
नन्दा टाइम्स समाचार पत्र ने कई बार प्रमुखता से लाहौर घाटी की समस्याओं को उजागर किया,फिर भी सांसद व विधायक की नींद नहीं खुली घाटी के लोगों ने कहा कि वर्ष 2017 से आजतक इस घाटी में सासद व विधायक के दर्शन नहीं हुए । घाटी के लोगों ने बताया कि शिक्षा ,स्वास्थ व संचार सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ भी नहीं है । सासंद अजय टम्टा को पांच पत्रो से घाटी की समस्याओं से अवगत कराया ,आजतक एक भी पत्र का जबाब नहीं मिला । नन्दन सिंह गढ़िया ने कहा कि अजय टम्टा सासंद ने अब अपना मोबाइल न0 भी बदल दिया है ताकि क्षेत्र की समस्या के बारे में कोई उनसे सीधे बात नहीं कर पायेगे ।
लाहौर घाटी कपकोट व बागेश्वर दो विधान सभा क्षेत्र से घिरा हुआ है। दोनों भाजपा के विधायक है और सांसद भी भाजपा यानि डबल ईजन है। तब भी ये एक पुलिया तक नहीं बना पाये । सबसे ज्यादा गुस्सा क्षेत्र के सासंद अजय टम्टा से है जो बात करने के लिए तैयार नहीं ,वे क्या क्षेत्र का विकास कर पायेगें ये तो मोदी जी के लहर में पार हो गये । आने वाले विधान सभा चुनाव में कैसे जनता के बीच जा पायेगें ।
बागेश्वर। लाहौर घाटी विकास मंच छह सूत्री मांग में अहम् मांग संचार व्यवस्था की है छह सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गया है। ग्रामीणों ने कहा कि लाहौर घाटी की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जरूरत पड़ने पर वह विधानसभा चुनाव का भी बहिष्कार करेंगे।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ग्रामीण लाहौर घाटी विकास मंच के बैनर तले मंच सचिव आनंद सिंह, कुंवर तथा नंदन सिंह दोसाद की अगुवाई में नैकाना खुमटिया में धरने पर बैठे। उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कहा कि अपनी लंबित मांगों को लेकर ग्रामीण गत दिनों जिला मुख्यालय गए और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा, लेकिन उन्होंने अभी तक संचार सुविधा से लेकर अन्य समस्याओं पर कोई विचार तक नहीं किया। इसके अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य आदि सुविधाओं को लेकर भी कोई संवेदनशील नहीं है। सभी ने एक स्वर से कहा कि जब तक उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं की जाएगी तब तक वह धरने पर डटे रहेंगे। इस मौके पर हुकुम सिंह रावल,नंदन सिंह गडिया, नवीन चंद्र जोशी, नारायण सिंह, पान सिंह रावत, गोविद सिंह, दर्शन सिंह, जगदीश हुलरिया, दीपक सिंह आदि मौजूद थे।