पहाड़ के गांवों में गुलदार के आंतक से ग्रामीणों में दहशत ,वन विभाग के अधिकारी नहीं कर रहे है सहयोग ,कह रहे है हम क्या करें
बागेश्वर। गरूड़ तहसील के तिलस्यारी गांव में दिनदहाड़े दो गुलदार अचानक आ धमके। गुलदार के जोड़े ने गांव में जमकर आतंक मचाया और एक मवेशी को अपना निवाला बना लिया। गुलदारों की दहाड़ से ग्रामीण सहमे हैं। घटना से गांव में दहशत है। ग्रामीणों ने वन विभाग से पिंजड़ा लगाकर गुलदारों को पकड़ने की मांग की हैलेकिन वन विभाग के अधिकारी सोये हुए है वे कह रहे है कि हम क्या करें जिसको मरना है हमें क्या लेना देना ।
तिलस्यारी में सोमवार को दिनदहाड़े अचानक दो गुलदार आ धमके। जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई। गुलदार का जोड़ा दिनभर गांव में घूमता रहा। ग्रामीणों ने काफी हो-हल्ला मचाया। फिर भी गुलदार नहीं भागा। गुलदार के जोड़े ने बहादुर सिंह फर्सवाण की थोरी यानी भैंस को दिनदहाड़े अपना निवाला बना लिया।
ग्राम प्रधान मनोज भट्ट ने बताया कि गुलदार का जोड़ा कभी खेतों में दिखाई दे रहा है। कभी आसपास की झाड़ियों में छिप जा रहा है। गांव में गुलदारों के आने से ग्रामीणों में काफी दहशत व्याप्त है। ग्रामीण पालतू जानवरों के साथ ही बच्चों के प्रति भी काफी चिंतित हैं।
महिलाएं खेतों से घास लाने में डर रही हैं। सामाजिक कार्यकर्ता तारा दत्त भट्ट, हरीश पांडे, मदन भट्ट, जीवन जोशी आदि ग्रामीणों ने वन विभाग से गांव में पिंजड़ा लगाकर शीघ्र गुलदारों को पकड़ने और बड़ी जनहानि होने से लोगों को बचाने की अपील की है।
इधर, रेंजर हरीश सिंह खर्कवाल ने बताया कि ग्राम प्रधान द्वारा गुलदारों के गांव में आने की सूचना मिली है। मौके पर टीम भेजी जा रही है। स्थिति को देखकर पिंजड़ा लगाए जाने की कार्रवाई की जाएगी।