उत्तराखंड में सूख चुके हैं 12 हजार जलस्रोत

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जीवन की निरंतरता का महत्वपूर्ण संसाधन जल है जो आज हर जगह संकट में है। प्रदेश में करीब 12000 जलस्रोत जलवायु परिवर्तन और अन्य कारणों से सूख चुके हैं। उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद् के युवा वैज्ञानिक डॉ. मणिंद्र मोहन शर्मा ने शोध रिपोर्ट के आधार पर यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड अपनी भौगोलिक पृष्ठभूमि के कारण देश का सबसे समृद्ध जल संसाधनों वाला प्रदेश है। बावजूद प्रदेश के दूरस्थ स्थानों पर जलस्रोतों के सूखने से पलायन आम हो गया है।

पवित्र गंगा नदी का उद्गम स्थल भी उत्तराखंड में है। इसके अलावा धौलागिरि, मंदाकिनी, पिंडर, भागीरथी, अलकनंदा, कोसी, रामगंगा जैसी अन्य सैकड़ों छोटी-बड़ी नदियां भी उत्तराखंड से ही निकलती हैं जो देश की आर्थिकी व अन्य दैनिक जरूरतों में अपना विशेष योगदान देती है। प्रदेश में 90 प्रतिशत जलापूर्ति इन्हीं संसाधनों से होती है बावजूद प्रदेश में जल संकट गहराता जा रहा है। उत्तराखंड में करीब 2.6 लाख प्राकृतिक जलस्रोत हैं, इनमें से करीब 12000 जलस्रोत जलवायु परिवर्तन और अन्य कारणों से सूख चुके हैं।

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