उत्तराखंड में भू-कानून और मूलनिवास कानून की मांग तेज, 24 दिसंबर को देहरादून में होगी बड़ी रैली
आखिर उत्तराखंड में क्या है भू कानून?
अल्मोड़ा (महेश ) । आजकल उत्तराखंड राज्य में भू-कानून की मांग जोरों से चल रही है, आइए हम आपको बताते हैं क्या है उत्तराखंड में भू कानून जिसकी की मांग चल रही है. इस भू कानून के क्या फायदे हैं और क्या नुकसान और क्यों उत्तराखंड के लोग इस कानून की मांग कर रहे हैं.
उत्तराखंड में इस बात की मांग चल रही है कि हिमाचल प्रदेश की तरह राज्य में भी भू कानून लागू करने की कवायद की जाए. इसी की तर्ज पर उत्तराखंड में भी यहां के लोग भू कानून की मांग कर रहे हैं. 1972 में हिमाचल प्रदेश में कानून बनाया गया. इस कानून के अंतर्गत दूसरे राज्यों के लोग हिमाचल प्रदेश में जमीन नहीं खरीद सकते थे. असल में उस समय हिमाचल आज की तरह संपन राज्य नहीं था, तो इस बात का डर था कि वहां के लोग मजबूरी में अपनी जमीन बाहर से आए लोगों को न बेच दें । उत्तराखंड में भी लोग मजबूरी में अपनी जमीन बाहरी लोगों को बेचते जा रहे है । बाहरी लोग अपने आशियाने बनाते जारहे है उनके आशियानों में वे ही लोग नौकरी कर रहे है जिन्होनें उन्हें जमीन बेची हुई है। इसी लिए प्रदेश में हिमाचल प्रदेश की तर्ज में भू -कानून लाना जरूरी हो गया है, ताकि बची हुई जमीन पर बाहरी लोगों का कब्जा न हो सकें ।
देहरादून । पिछले कई सालों से उत्तराखंड में भू कानून लागू किए जाने की मांग की जा रही है. ताकि यहां बाहरी अतिक्रमण को रोका जा सके.।
उत्तराखंड के देहरादून में 24 दिसंबर को एक बड़ी रैली होने वाली है, जिसमें उत्तराखंड के मूल निवासी और भू कानून को लेकर उत्तराखंड के तमाम लोग शामिल होने वाले हैं. इसके लिए तमाम लोक कलाकार सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से परेड ग्राउंड में एकत्र होने की अपील कर रहे हैं. उत्तराखंड में पिछले कई सालों से लगातार मांग होती आई है कि उत्तराखंड के मूल निवासियों को मूल निवासी कानून बना कर दिया जाए तथा उत्तराखंड में भू कानून लागू किया जाए जिससे उत्तराखंड की भूमि पर लगातार बाहरी लोगों के होते अतिक्रमण को रोका जा सके.
देहरादून के परेड ग्राउंड में 24 दिसंबर को एक विशाल रैली होने वाली है. इस रैली को उत्तराखंड के भू कानून और मूल निवासी कानून को लेकर संघर्ष कर रहे लोगों के द्वारा कराया जाना है, जिसके प्रदेश के लोक कलाकार भी हिस्सा लेंगे. इन लोक कलाकारों के द्वारा अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोगों से अपील की गई है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में देहरादून पहुंचकर इस विशाल रैली में हिस्सा लें और उत्तराखंड में भू कानून बनाने के लिए सरकार पर दबाव बनाएं. इस रैली में लाखों लोगों के पहुंचने की संभावना जताई जा रही है.