पर्वतीय क्षेत्रों में वाहन दुर्घटनाओं को देखते हुए यूटिलिटी वाहन में सवारी का संचालन पूरी तरह से प्रतिबंधित करने की तैयारी
देहरादून/बागेश्वर । प्रदेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए सरकार अब पर्वतीय क्षेत्रों में सामान ढोने के इस्तेमाल में लाई जाने वाले यूटिलिटी वाहन में सवारी का संचालन पूरी तरह से प्रतिबंधित करने की तैयारी में है। इनके स्थान पर पर्वतीय मार्गों पर यात्री सुविधाओं के लिए बंद बाडी की मैक्स व मोटर कैब का संचालन किया जाना प्रस्तावित है।
पर्वतीय क्षेत्रों में वाहन दुर्घटनाओं का आंकड़ा बढ़ रहा है। इस वर्ष वाहन दुर्घटनाओं बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बीते वर्ष अक्टूबर तक जहां प्रदेश में तकरीबन 630 सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं, इस साल यह आंकड़ा बढ़कर 850 पहुंच गया है। इनमें मरने वालों की संख्या का प्रतिशत भी बढ़ा है। पर्वतीय क्षेत्रों में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में एक प्रमुख कारण इन मार्गों पर बसों का कम संचालन होना है। बसों के न होने से इन मार्गों पर अधिकांश यूटिलिटी व मैक्सी कैब ही सवारी को ढोने का काम करती हैं। यूटिलिटी यूं तो माल वाहक वाहन है, लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों में यह सामान के साथ ही सवारियां भी ले जाता है।
इन मार्गों पर यातायात के साधनों की कमी के कारण यह देखा गया है कि यूटिलिटी व खुली बाडी के मैक्सी वाहनों में 25 से 30 सवारियां सफर करती हैं। यही कारण है कि वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने की स्थिति में मृतकों की संख्या भी ज्यादा होती है। इसे देखते हुए परिवहन विभाग ने कुछ समय पहले एक सर्वे कराया था। सर्वे में यह बात सामने आई कि यात्री वाहनों की कमी के कारण अन्य उपलब्ध वाहनों में ओवरलोडिंग हो रही है।
इस सर्वे में कुछ सुझाव भी दिए गए थे, जिनमें इन मार्गों पर बसों की संख्या बढ़ाने, निजी आपरेटरों को बस खरीद में सब्सिडी देने और बसों के संचालन न होने की स्थिति में मैक्स अथवा मोटर कैब वाहनों के संचालन को प्रोत्साहित करना शामिल थे। इसमें यूटिलिटी वाहनों में सवारी बैठाने पर रोक लगाने की सिफारिश की गई थी। अब परिवहन निगम इस सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर यूटिलिटी वाहनों में सवारी का संचालन प्रतिबंधित करने की तैयारी में है।