शादियों में महंगाई की मार, खूब लूट रहे है पहाड़ के लोग , साथ पड़ रही जीएसटी की बड़ी मार

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हल्द्वानी । शादी का सीजन बुधवार से शुरू होने जा रहा है। शादी वाले घरों के लिए सबसे बड़ी मुसीबत वस्तु एवं सेवा कर बन गया है। मैरिज गार्डन, टेंट से लेकर बैंड तक जीएसटी का भार आम लोगों पर पड़ रहा है। जिससे लोगों की शादी का बजट बिगड़ रहा है। शादी में औसतन करीब 5.5 लाख रुपये खर्च आता है। इस पर जीएसटी के रूप में लोगों को 96 हजार रुपये चुकाने पड़ते हैं। इससे लोग सुविधाओं में कटौती कर रहे हैं, जिसका असर शादियों के सीजन में बाजार में देखने को मिल रहा है।

सबसे ज्यादा मुश्किल उन लोगों को उठानी पड़ रही है, जो कि खुद ही होटल, टेंट, लाइट से लेकर बैंड की बुकिंग करते हैं। अलग-अलग सर्विस के लिए 12 से 18 प्रतिशत तक टैक्स चुकाना पड़ता है। उन लोगों को जो वेडिंग पैकेज के अंतर्गत शादी करवा रहे हैं फायदा हो रहा है। इनको अलग-अलग टैक्स नहीं देना होता है एक बार में ही पूरा टैक्स देना होगा। जीएसटी के बाद ज्वेलरी सेक्टर में कम असर है, क्योंकि जीएसटी लागू होने से पहले तक इस पर 1 प्रतिशत टैक्स लगता था, लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स 3 प्रतिशत हो गया है। मगर इसका लोगों पर कोई खास असर नहीं पड़ता है।

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