इंडियन गैस एजेंन्सी हल्द्वानी उपभेक्ताओं को लगा रही है चूना

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हल्द्वानी । कुमांऊ मंडल विकास के पास गैस एजेन्सी है। यहां इंडियन रसोई गैस सिलेंडर में घटतौली का बड़ा खेल चल रहा है। कांटे में गड़बड़ी कर उपभोक्ताओं की जेब पर चूना लगाया जा रहा है। होम डिलीवरी देते समय उपभोक्ता के सामने सिलेंडर का वजन करने का नाटक किया जाता है।उपभोक्ताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि इसमें कुमॉंऊ मंडल विकास निगम के छोटे से बड़े अधिकारी गैस वितरण ठेकेदार से मिले हुए है ,क्योंकि ठेकेदार इन्हें उनका कमीशन देकर जेबे गरम करता है।कई बार गैस उपभेक्ताओं ने हल्द्वानी गैस मैनेजर से श्किायत की लेकिन आजतक कोई कार्यवाही नहीं हुई इससे स्पष्ट होता है कि ठेकेदार के कर्मचारियों को इन्ही अधिकारियों का संरक्षण है।
यहां शहर के कुछ जागरुक उपभोक्ताओं ने एलपीजी सिलेंडर की होम डिलीवरी देने वाले वितरकों की कारगुजारी का भंडाफोड़ किया है। घटतौली के काले कारोबार से हल्द्वानी में रोजाना ढाई लाख रुपये का खेल किया जा रहा है। उपभोक्ताओं की सजगता के बाद वितरक सजग उपभोक्ता को सिलेंडर देने से कतरा रहे हैं।
आपको बता दें कि घरेलू सिलेंडर में 14 किलो 200 ग्राम गैस होती है । खाली और भरे सिलेंडर का वजन सिलेंडर के ऊपरी हिस्से में अंकित रहता है। डिलीवरी से पहले इसे देखना चाहिए।अगर कोई उपभेक्ता इलेक्ट्रानिंग कांटे से तोल करते है उन्हें गैस वितरक दोबारा गैस देने से बहानेे बाजी करते है कि गैस नहीं है खत्म हो गई है।
बिठौरिया नं.1 में रहने वाले राजेन्द्र सिंह ने बताया कि हमारे पास इंडेन का कनेक्शन है। जब इलेक्ट्रॉनिक कांटा मंगाया तो सिलेंडर लेते समय पहले तो वितरक ने दूसरे कांटे पर वजन करने से मना कर दिया। वहां पर अन्य लोगों ने जोर देने पर वजन किया तो सिलेंडर 4 किलो कम निकला। इसके बाद से सिलेंडर की डिलीवरी देने के लिए बहानेबाजी कर रहे है।
इंडियन गैस एजेन्सी का काला कारमाना सोशल मीडिया में चली लोगों ने वीडियो देखने के बाद इलेक्ट्रॉनिक कांटा लगाने शुरू कर दिए है। । पिछले दो बार इंडेन का सिलेंडर लेने पर वजन कम निकला। जबकि वितरक के कांटे में वजन पूरा निकला। जब से तौल करना शुरू किया है।
लगभग 30 हजार ग्राहक संख्या वाली हल्द्वानी इंडेन गैस एजेंसी रोजाना 700 सिलेंडर की सेल करती है। काठगोदाम इंडेन, इंडेन की दो निजी एजेंसी व एचपी के ग्राहकों को लगाकर 1800 से दो हजार सिलेंडर की प्रतिदिन सेल होती है। प्रति सिलेंडर औसतन तीन किलो घटतौली होने पर एक सिलेंडर में 150 रुपये (14 किलो वजनी सिलेंडर की कीमत 700 रुपये मानने पर) का खेल होता है। दो हजार सिलेंडर में आंकड़ा ढाई लाख से ऊपर पहुंचता है।उपभेाक्ताओं का शोषण करके ठेकेदार व गैस एजेन्सी के अधिकारी मालामाल हो रहे है। यहां तक लोगों ने आरोप लगाया है कि इसमें डीएसओ कार्यालय ,बांट-माप अधिकारी भी शिकायत मिलने पर कोई कार्यवाही नहीं करते है।

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