कैंची धाम धर्मिक आस्था के बजाय लोग पिकनिक मनाने आते है ,घंटो जाम में फंसे रहने से लोगों में आक्रोश
कैंचीधाम हाईवे अल्मोड़ा- हल्द्वानी मार्ग में पहाड़ व हल्द्वानी की तरफ आने -जाने वाले यात्रियों के लिए फजीहत बन गया हैं लोग घंटो जाम में फंसे रहने से परेशान हो जाते है वहीं 108 गंभीर मरीज भी इस जाम में फंस जाने से वहीं पर दम तोड़ देते है यह घटना कई बार हो चुकि है फिर भी जिला प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है ,दो वित्तीय वर्ष गुजर चुके है लेकिन आजतक शासन व प्रशासन ने सुध नहीं ली, एक वर्ष पहिले कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ था कि एक माह के भीतर ही वाईपास बन जायेगा वह आजतक नहीं बना पाया है यहां स्थानीय लोगों को परेशान व भ्रमित किया जा रहा है।
लोकल पब्लिक व 108 वाहना को तो न रोकिये
नैनीताल( नन्दा टाइम्स ब्यूरो )। हर शनिवार व अवकाश के दिन कैंची धाम में पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ जाती है ,अल्मोड़ा -हल्द्वानी आने जाने वाले यात्री घंटो जाम में फंसे रहते है बाहर से आये पर्यटक दोोनों तरफ अपने वाहनों को खड़े करना पर्यटकों का आवागमन निर्धारित न होने से स्थानीय लोगो के लिए कैंचीधाम सरर्दद बना गया है। जाम से निपटने के लिए प्रशासन ने तीन दिवसीय रूट डायवर्ज किया है, लेकिन इससे स्थानीय नागरिकों में तीव्र रोष व्याप्त है। लोगों का कहना है कि बाहर से आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए आम जन को जबकृतब परेशान किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में कभी मंदिर अपार आस्था का केंद्र होते थे, लेकिन वर्तमान में सरकारी पर्यटन नीति के चलते यह पिकनिक स्पॅाट में तब्दील होते जा रहे हैं। जिसका सबसे बड़ा दुष्प्रभाव यह है कि मंदिरों में आवश्यकता से अधिक भीड़ उमड़ने लगी है। पर्यटकों की आमद से भले ही सरकार को लाभ हो लेकिन स्थानीय जनता के लिए इनका आगमन परेशानियों का सबब बन चला है।
कैंची धाम पर लगातार लग रहे जाम के खिलाफ अब आवाज बुलंद हो गई है। ,आए दिन लग रहे जाम से जहां पहाड़ का पर्यटन व्यावसाय प्रभावित हो रहा है वहीं 108 में गंभीर रोगी उपचार के लिए हल्द्वानी बरेली को जा रहा है वे भी इस जाम के शिकार हो रहे है।वहीं अगर किसी यात्री को ट्रेन या दूसरी गाड़ी पकड़नी है वह भी परेशान होकर उन्हें हल्द्वानी में रूकना पड़जाता है या अैक्सी बुक करके तीन गुना किराया देना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि पुलिस मूकदर्शकबनकर आराम से धूप की लुप्त लेती बैठी रहती है, उनकी बला से कोई मरे या बचें शासन – प्रशासन इसे अनदेखा कर रहे है।
नैनीताल( नन्दा टाइम्स ब्यूरो )। हर शनिवार व अवकाश के दिन कैंची धाम में पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ जाती है ,अल्मोड़ा -हल्द्वानी आने जाने वाले यात्री घंटो जाम में फंसे रहते है बाहर से आये पर्यटक दोोनों तरफ अपने वाहनों को खड़े करना पर्यटकों का आवागमन निर्धारित न होने से स्थानीय लोगो के लिए कैंचीधाम सरर्दद बना गया है। जाम से निपटने के लिए प्रशासन ने तीन दिवसीय रूट डायवर्ज किया है, लेकिन इससे स्थानीय नागरिकों में तीव्र रोष व्याप्त है। लोगों का कहना है कि बाहर से आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए आम जन को जबकृतब परेशान किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में कभी मंदिर अपार आस्था का केंद्र होते थे, लेकिन वर्तमान में सरकारी पर्यटन नीति के चलते यह पिकनिक स्पॅाट में तब्दील होते जा रहे हैं। जिसका सबसे बड़ा दुष्प्रभाव यह है कि मंदिरों में आवश्यकता से अधिक भीड़ उमड़ने लगी है। पर्यटकों की आमद से भले ही सरकार को लाभ हो लेकिन स्थानीय जनता के लिए इनका आगमन परेशानियों का सबब बन चला है।
बता दें कि दो या तीन दिन की लगातार अवकाश रहनें कैंची धाम में बड़ी संख्या में पर्यटक उमड़ पड़ते है आने जाने वाहनों को दूसरे मार्ग से भेजे जाते है। स्थानीय लोग परेशान है।
इधर शासन- प्रशासन ने इस दौरान जाम की संभावनाओं को देखते हुए हल्द्वानी के साथ ही कैंची धाम मार्ग पर भी रूट डायवर्जन का फरमान जारी कर दिया जाता है । पुलिस का कहना है कि यह व्यवस्था यात्रियों व पर्यटकों की सुविधा को लेकर लागू की गई है। इस रूट डायवर्जन के चलते हल्द्वानी से पहाड़ व पहाड़ से मैदानी क्षेत्रों को जाने वाले यात्री वाहनों को जगह-जगह रोक दिया गया।
अल्मोड़ा से हल्द्वानी आने वाले हल्के वाहनों को क्वारब से डायवर्ट कर वाया रामगढ़, भवाली रामगढ़ तिराहा से भीमताल होते हुए हल्द्वानी को भेजा जा रहा है। वहीं, हल्द्वानी से अल्मोड़ा जाने वाले हल्के वाहनों को भीमताल, भवाली रामगढ़ तिराहा (बैरियर) रामगढ़, क्वारब होते हुए अल्मोड़ा भेजा जा रहा है। अल्मोड़ा से रामनगर, काशीपुर, दिल्ली, देहरादून आदि को जाने वाले वाहनों को वाया खैरना पुल से डायवर्ट कर बेतालघाट होते हुए भेजा जाता है इसका खामजिया स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है एक तो किराया दुगना लिया जाता है दूसरा किसी यात्री को दूसरी गाड़ी या ट्रेन पकड़नी पड़ती है तो वह भी छूट जाती है। अल्मोड़ा-हल्द्वानी रूट पर यात्रा करने वाले तमाम लोगों का यही कहना था कि शासन, प्रशासन को कैंची धाम इतनी बड़ी संख्या में आने वाले पर्यटकों को रोकना चाहिए। इसके बजाए पुलिस व प्रशासन मिल बैठ कर अचानक रूट डायवर्जन जनता पर थोप देती है। पर्यटकों की सुविधा के लिए स्थानीय लोगों को परेशान करना कतई जायज नहीं ठहराया जा सकता। रूट डायवर्जन से प्रभावित यात्रियों का कहना था कि हर वीकेंड पर यही हाल हो रहा है। एक तरफ कोरोना फैलने लगा है, वहीं कैंची धाम में धार्मिक पर्यटन के बहाने विभिन्न राज्यों से लोग पिकनिक मनाने पहुंचने लगे हैं।