जलागम परियोजना खैरात बांटने वाली योजना बन गई है
बेतालघाट विकास खण्ड में विश्व बैंक के धन की बंदरबांट
नैनीताल।विकास खण्ड बेतालघाट क्षेत्र में जलागम (ग्राम्या) विश्व बैंक से पोषित योजना अन्तर्गत किए गये विभिन्न मदों में विकास कार्यो की जांच निष्पक्ष की जाय तो चौंकने वाले मामले उजागर हो जायेगें कि गांव के विकास के लिए आये धन का किस तरह से बंदर बांट मची हुई है।जिसमें ग्राम प्रधान लेकर परियोजना के बड़े अधिकारीयों की मिलीभगत से गांव के विकास के लिए आए धन को लूट रहे है।
आपको बता दें कि विकास खंड बेतालघाट में जलागम परियोजना द्वारा सिंचाई गूलें बनाई इन गूलों के निमार्ण में इतनी घटिया सामग्री का उपयोग किया जो बनते -बनते क्षतिग्रस्त हो गई कुछ आधे बनें लेकिन कागजों में पूर्ण दिखाया गया इस मामले में जगदीश सिंह पनौरा ने मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल में शिकायत दर्ज की जांच जिला प्रशासन व जलागम के उपनिदेशक स्तर पर हुई । जिसमें भ्रष्टाचार ,सरकारी धन का दुरूपयोग किए जाने का मामला सही पाया गया ।अब गांव के जनप्रतिनिधियों से लेकर जलागम के ग्राम प्रभारी, यूनिट अधिकारी वसूली के आदेश जारी हुये है । अभी तक किसी भी की विकास के धन को किस तरह से किनारा लगाया जाता है इसकी सीख जलागम परियोजना बेतालघाट खंड से लेनी चाहिए ।
विश्व बैंक से आए धन को किनारे लगाने का केन्द्र यूनिट अधिकारी के यहां से होता है । उपनिदेशक जलागम कार्यालय हल्द्वानी के यहां रिमोेट कंट्रोल होने की बात बताई जा रही है। सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि यूनिट अधिकारी प्रत्येक योजना में कितना प्रतिशत लेना है और कहां -कहां देना है तय होता है ।
ग्राम्या के कार्यो में घटिया सामग्री का उपयोग करने की शिकायत की जांच सही पाये जाने के बाद वसूली की कार्यवाही कछुआ गति से चल रही हैं अभी तक केवल एक कर्मचारी से वसूली की कार्य हुई है ।इस प्रकरण में जांच कमेटी गठित की गई उपपरियोजना निदेशक नैनीताल द्वारा पुनःगूल निमार्ण मानको के आधार पर कराने के आदेश जारी किए । अगर निमार्ण नहीं हुआ तो लोकसेवको से इसमें हुई राजकीय क्षति की वसूली करने के आदेश जारी किए गये लेकिन अभी तक केवल एक लोकसेवक से वसूली हुई ,जबकि उपनिदेशक ने कहा कि सभी से माह फरवरी 2021 में पूर्ण वसूली हो जायेगी ।शिकायतकर्त्ता जगदीश सिंह पनौरा का कहना है कि जलागम के सभी कार्यो की जांच निद्वपक्ष की जाय तो लाखों के घोटाले का पर्दाफांस होगा ।