सरोवर नगरीय में हरे बांज के पेड़ों का कत्लेआम , बिछ गये कंकरीट के जंगल ,जिला प्रशासन लाचार
हरे भरे बांज के जंगलों का कत्लेआम रात्री को अंजाम दिया जा रहा है जिला प्रशासन व प्राधिकरण को सबकुछ मालूम है ,अगर आम आदमी अपने आगंन में एक छोटा सा भी पेड़ काटता है तो उसके ऊपर कई धारायें लगाकर जेल केa सलाखों में डाला जाता है यहां तो महानगरों के अमीर व मंत्रियों के आदमी है जो दिन दहाड़ें हरे बांज के जंगलों का सफाया कर रहे है, जो आने वाले समय के लिए सरोवर नगरीय के लिए तबाही ला सकता है।
नैनीताल। नैनीताल में सुप्रीम कोर्ट ओर हाईकोर्ट के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उठाई जा रही है। अति संवेदनशील पहाड़ियों व ग्रीन बेल्ट में अवैध निर्माण बिना रोक-टोक के जारी है। संवेदनशील पहाड़ियों पर कई निर्माण हो चुके हैं तो कई जारी हैं। जिलास्तरीय विकास प्राधिकरण कार्रवाई के लिए हाथ बंधें हुए है ,मजबूर है लेकिन आम आदमी पर कार्यवाही के लिए रात को भी दौड़ लगा देते है। ये लोग है मंत्रियों के आदमी व अमीर लोग स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि पैसे के बल पर सबकुछ हो रहा है। । इसी कारण भी अवैध निर्माण करने वालों के हौसले बुलंद हैं। निर्माण के लिए रातोंरात पेड़ों को काट दिया जा रहा है। अवैध निर्माण होने और पेड़ों के काटे जाने से भूस्घ्खलन का खतरा बढ़ता जा रह है।
सुप्रीम कोर्ट ने 1994 में पर्यावरणविद प्रो अजय रावत की जनहित याचिका पर नैनीताल में ग्रुप हाउसिंग के साथ ही ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया था। प्रो रावत की ही याचिका पर हाईकोर्ट ने संवेदनशील व ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में अवैध निर्माण पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इस आदेश पर अमल करते हुए जिला प्रशासन ने माल रोड पर नालों के ऊपर अतिक्रमण हटाया। साथ ही सात नंबर समेत अन्य संवेदनशील इलाकों में अतिक्रमण व अवैध निर्माण को चिन्हित किया। इसके बाद जनाक्रोश भड़का तो सरकार ने तब के केएमवीएन एमडी व वर्तमान डीएम धीराज गर्ब्याल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित हुई। कमेटी ने निरीक्षण भी किया। फिर मामला ठंडा पड़ गया। जिला प्रशासन ने अवैध निर्माण पर पाबंदी लगाने के मकसद से निर्माण सामग्री के वाहनों की शहर में एंट्री बैन कर दी थी। फिर सरकारी निर्माण कार्याे की वजह से इसमें ढील दी तो फिर अवैध निर्माण तेज हो गए।
नैनीताल में सुप्रीम कोर्ट ओर हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी अति संवेदनशील पहाड़ियों व ग्रीन बेल्ट में अवैध निर्माण धड़ल्ले से जारी है। संवेदनशील पहाड़ियों पर कई निर्माण हो चुके हैं तो कई जारी हैं। जिलास्तरीय विकास प्राधिकरण कार्रवाई के नाम हाथ बंधें हुए है लाचार स्थिति में बैठे है।
सरोवर नगरीय में पिछले करीब एक साल के भीतर सात नंबर, समेत सीआरएसटी कॉलेज से भोटिया बैंड जाने वाले रास्ते के आसपास अवैध निर्माण की बाढ़ आ गई है। इस इलाके में पेड़ों को काटकर अस्थाई टीनशेड बनाने के बाद काली तिरपाल से ढककर पक्का निर्माण हो रहा है। पहाड़ियों में मिट्टी के कट्टों चिनाई कर निर्माण तक रास्ता बनाने के साथ ही समतलीकरण किया जा रहा है। जिला विकास प्राधिकरण की टीम रोज ड्यूटी चार्ट के हिसाब से घूमती है मगर टीम को अवैध निर्माण दिखाई नहीं देते। इस मामले में प्राधिकरण सचिव पंकज उपाध्याय का कहना है कि अवैध निर्माण हो रहा है लेकिन कार्यवाही नहीं कर सकते है।