रसोई गैस सब्सिडी में फिर बदलाव की तैयारी, कैसे मिलेगी राहत

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जल्द ही रसोई गैस की कीमतें 1000 रुपये के करीब जा सकती हैं। हालांकि सरकार की तरफ से ऐसा कुछ भी नहीं कहा गया है, लेकिन सरकार के एक आंतरिक मूल्यांकन में यह संकेत मिले हैं कि उपभोक्ता एक सिलेंडर के लिए 1000 रुपये तक देने के लिए तैयार हैं। सरकार जिस तरह से सरकारी कर्मचारियों का ,मंहगाई भत्ता ,वेतन में लगातार बढ़ोत्तरी कर रही है ,उसी तरह से बाजार में मंहगाई बढ़ा रही है। जल्द ही रसोई गैस की कीमतें 1000 रुपये के करीब जा सकती हैं। हालांकि सरकार की तरफ से ऐसा कुछ भी नहीं कहा गया है, लेकिन सरकार के एक आंतरिक मूल्यांकन में यह संकेत मिले हैं कि उपभोक्ता एक सिलेंडर के लिए 1000 रुपये तक देने के लिए तैयार हैं। सरकार जिस तरह से सरकारी कर्मचारियों का ,मंहगाई भत्ता ,वेतन में लगातार बढ़ोत्तरी कर रही है ,उसी तरह से बाजार में मंहगाई

नई दिल्ली । 2020 में सरकार ने गैस सब्सिडी पर 24,468 करोड़ खर्च किए थे, जबकि साल 2021 में सिर्फ 3,559 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। देश में पेट्रोल और डीजल के साथ-साथ रसोई गैस सिलेंडर की कीमतें भी लगातार बढ़ती जा रही हैं। इस बीच सरकार ने गैस सिलेंडर में मिलने सब्सिडी भी काफी कम कर दी है और कई जगहों पर सब्सिडी बंद भी हो चुकी है। इस बीच आशंका लगाई जा रही है कि जल्द ही रसोई गैस की कीमतें 1000 रुपये के करीब जा सकती हैं। हालांकि सरकार की तरफ से ऐसा कुछ भी नहीं कहा गया है, लेकिन सरकार के एक आंतरिक मूल्यांकन में यह संकेत मिले हैं कि उपभोक्ता एक सिलेंडर के लिए 1000 रुपये तक देने के लिए तैयार हैं।
सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार आने वाले समय में एलपीजी सिलेंडर को बिना किसी सब्सिडी के सप्लाई कर सकती है। इसके अलावा कुछ चुनिंदा उपभोक्ताओं को भी सब्सिडी का लाभ दिया जा सकता है।सब्सिडी को लेकर भारत सरकार ने अभी तक कोई स्पष्ट योजना नहीं बताई है। हालांकि पूरी संभावना है कि 10 लाख रुपये इनकम के नियम को लागू रखा जाएगा और उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को सब्सिडी का लाभ मिलेगा। हालांकि 10 लाख से ज्यादा आय वाले लोगों के लिए सब्सिडी खत्म हो सकती है।
क्या है मौजूदा व्यवस्था
कोरोनाकाल में भारत सरकार ने कई जगहों पर एलपीजी सब्सिडी की व्यवस्था बंद कर दी है। मई 2020 से लोगों को घरेलू सिलेंडर पर सब्सिडी नहीं मिल रही है। जहां मिल भी रही है, वहां इसकी मात्रा बहुत कम है। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कोरोना महामारी के दौरान कच्चे तेल और गैस की कीमतें लगातार गिरी है उसके बाद सरकार ने यह कदम उठाया है, लेकिन भारत में घरेलू गैस की कीमतें कम होने की बजाय बढ़ती ही गई हैं और लोगों पर लगातार बोझ बढ़ता जा रहा है। भारत सरकार ने एलपीजी सिलेंडर पर पूरी तरह से सब्सिडी बंद नहीं की है।
कई गुना कम हुआ सरकार का खर्च
कोरोनाकाल में सरकार ने घरेलू गैस सिलेंडर की सब्सिडी पर होने वाला खर्च कई गुना कम किया है। वित्तीय वर्ष 2021 में भारत सरकार ने गैस सब्सिडी पर 3,559 रुपये खर्च किए, जबकि इससे पहले वित्तीय वर्ष 2020 में गैस सब्सिडी पर 24,468 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। सरकार फिलहाल डीबीटी स्कीम के तहत लोगों को सब्सिडी दे रही है। इस स्कीम में उपभोक्ताओं को पूरी कीमत देकर सिलेंडर खरीदना होता है। बाद में सरकार उनके खाते में सब्सिडी का पैसा भेज देती है। इसकी शुरुआत जनवरी 2015 में की गई थी।

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