सर्दियों में कैसे रखें दिल का ख्याल: जानें

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मौसम का मिजाज बदल गया है और कोरोनाकाल भी चल रहा है। ऐसे में बुजुर्गों और दिल के मरीजों को अपना विशेष ख्याल रखना चाहिए। दरअसल सर्दियों के मौसम में अस्पताल में भर्ती होने की दर व हार्ट अटैक मरीजों की संख्या भी बढ़ गई है। एसआरजी अस्पताल के इमरजेंसी में भी हार्ट अटैक पीड़ित रोगियों की संख्या में इन दिनों इजाफा हो रहा है। जिले में सर्दी बढऩे के साथ ही एसआरजी चिकित्सालय में 24 घंटे में 15 से 20 मरीज आ रहे हैं। ऐसे में दिल के मरीजों को अधिक सावधानी रखने की जरुरत है।

ठंड में बढ़ जाते हैं हार्ट फेलियर के चांस-
चिकित्सकों के अनुसार सर्दी में कई बार हमारे शरीर को आवश्यकता के अनुसार ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की जरूरतों को पूरा करने के हिसाब से बॉडी में पर्याप्त मात्रा में खून पंप नहीं हो पाता है, जिस वजह से जिनका दिल पहले से कमजोर है, उन मरीजों को सांस की तकलीफ हो जाती है। ठंड के मौसम में तापमान कम हो जाता है। इस कारण ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाते हैं। जिससे शरीर में खून का संचार अवरोधित होता है। इससे हृदय तक ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। हृदय को शरीर में खून और ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए अतिरिक्त श्रम करना पड़ता है। ठंड के मौसम,धुंध और प्रदूषक जमीन के और करीब आकर बैठ जाते हैं। जिससे छाती में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और सांस लेने में परेशानी पैदा हो जाती है। ऐसे में हार्ट के मरीजों को इससे परेशानी होती है। ठंड में पसीना कम निकलता है और यही वजह है कि फेफड़ो में पानी जमा हो जाता है जिस वजह से भी हार्ट फेल हो जाता है।
सेहत का रखे ध्यान-
डॉ. अरविन्द नेहरा ने बताया कि सूरज की रोशनी से मिलने वाला विटामिन-डी, हृदय में स्कार टिशूज को बनने से रोकता है। जिससे हार्ट अटैक के बाद हार्ट फेल में बचाव होता है। सर्दियों के मौसम में सही मात्रा में धूप नहीं मिलने से, विटामिन-डी के स्तर को कम कर देता है,जिससे हार्ट फेल का खतरा बढ़ जाता है। आपको दिल की बीमारी है तो अपनी सेहत का खास ख्याल रखें और हर दिन व्यायाम करें। रक्तचाप की जांच समय-समय पर कराते रहें। किसी के खून पतला करने की गोली चल रही है तो उसे नियमित रूप से लें, ज्यादा परेशानी होने पर चिकित्सक को दिखाएं।

ठंड से बचने के लिए दिल के मरीज इन 6 बातों का ध्यान रखें –
1.चिकित्सकों के अनुसार दिल और रक्तचाप के मरीज सुबह एकदम से ठंड में बाहर न जाएं।
2.बिस्तर से उठने से पहले गर्म कपड़े पहनें और थोड़ा व्यायाम करते हुए उठें। सर्दी के मौसम में सिर, हाथ पैर को पूरी तरह से ढंक कर चलें, ताकि सर्द हवाएं आपके शरीर के भीतर न जा सकें।

  1. ठंड में उच्च रक्तचाप और दिल के मरीज सुबह की सैर से बचें और हो सके तो शाम को टहले या व्यायाम करें। इस तरह के रोगियों को इतना चलना या व्यायाम करना चाहिए कि उनके शरीर से पसीना निकलने लगे।
    4.हार्ट रोगियों को सर्दी में अधिक चिकनाई वाले खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। क्योंकि सर्दी में दिल को अन्य दिनों की तुलना में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जो कभी-कभी उस पर भारी पड़ जाती है।
    5.लोगों के मन में एक गलतफहमी रहती है कि सर्दी के दिनों में गर्म चीजें जैसे गुड़ से बनी गजक आदि खाने से सर्दी नही लगेगी,लेकिन ऐसा नहीं है। ऐसा करने से आपको कुछ देर के लिए भले ही सर्दी से राहत मिले। लेकिन बाद में रक्तचाप और ब्लड शूगर बढ़ सकता है, जो नुकसानदेह होता है।

    6.रक्तचाप और दिल के मरीजों को सात से आठ घंटे की नींद लेने चाहिए ताकि तनाव से बचे रहें। साथ ही सर्दी में शरीर और कानों को गर्म कपड़े से ढक कर रखे क्योंकि जरा सी लापरवाही परेशानी का कारण बन सकती है।
    बुजुर्गों का रखें ध्यान-
  2. हार्ट रोगियों में बढ़ोतरी हुई है। इमरजेंसी में मरीजों की तादाद बढ़ी हुई है। 60 वर्ष से आयु के बुजुर्गाे व हार्ट पेशेंट और बुजुर्गों को ठंड में विशेष ध्यान रखना चाहिए। घर में व्यायाम करें और धूप का सेवन करें। कई लोग हार्ट में दर्द होने पर गैस समझ कर गोली खाकर काम चला लेते हैं, तीनचार दिन बाद दिखाते हैं, ऐसे में परेशानी ज्यादा बढ़ जाती है। छाती में दर्द होने पर तुरंत दिखाएं लापरवाही नहीं करें।
    डॉ.मयंक सरवाग कार्डियोलॉजिस्ट

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