पन्द्रहपाली – हड़बाड़ मोटर मार्गं में पैचवर्क के नाम पर लो0 नि0 वि0 के अधिकारी डकार गये लाखों रूपये

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गड्ढायुक्त सड़कों को गड्ढामुक्त बनाने के लिए लोनिवि के अधिकारियों ने एक नया तरीका खोज निकाला है। विभागीय अधिकारी आजकल कर्मचारियों की सहायता से सड़़कों के गड्ढों को भरने के लिए डामर से पैचवर्क करने के बजाय उसमें मिट्टी भरवा रहे हैं। मिट्टी भरने के बाद जैसे ही बारिश होती है तो गड्ढों में भरी यह मिट्टी बहकर कीचड़ का रूप ले लेती है,इससे सड़क पर फिसलन बढ़ जाती है। आने जाने पैदल लोग परेशान है।
मोटर मार्ग की नालियां मलवे से पटी हुई है । दो साल हो चुके है झाड़ियां काटी नहीं है जबकि झाड़ी कटान , नाली सफाई ,टूटी सुरक्षा दिवालों की मरम्मत करना ये कार्य बरसात से पहिले हो किए जाने का प्रविधान है और इसके लिए शासन से अतिरिक्त बजट मिलता है लेकिन बंदबांट से ये कार्य नहीं हो पाते है । कई बार तो ग्रामीणों ने लिखित शिकायत भी की जो आजतक किसी तरह की कार्यवाही नहीं हो पायी है।

बागेश्वर खंड के अधिशासी अभियंता जिलाध्किारी के आदेशों की अनदेखी कर रहा है। एक मामले में बालीघाट -पन्द्रहपाली मोटर मार्ग से लगा ग्राम पन्द्रहपाली के लोगों ने कई बार कहा कि बंद पड़े कलमठ ,नालियों को खुलवाने के लिए पत्र लिखा इस मामले में जिलाधिकारीने भी अधिशासी अभियंता को पत्र भेजा लेकिन विभाग के अधिशासी अभियंता ने आजतक कोई कार्यवाही नहीं की है।

बागेश्वर । बागेश्वर की अधिकतर सड़कें आज भी गड्ढामुक्त नहीं हैं। इन सड़कों की हालत ऐसी है कि यहां राहगीर और वाहन चालक गड्ढों में सड़क खोजने को मजबूर हैं। यह स्थिति तब है जब एक के बाद एक हादसे होने शुरू हो गये । जब की मुख्यमंत्री ने बरसात का सीजन शुरू होने से पहले अधिकारियों को सड़कों को गड्ढामुक्त करने के निर्देश दिए थे।
बता दें कि पन्द्रहपाली – हड़बाड़ मोटर मार्ग में माह मई के महिने में पैचवर्क किया गया जून के प्रथम सप्ताह में हल्की सी बरसात में ही विभाग की कलई खुल गई जो कार्य किया था वह और खतरनाक हो गया जिसे वहा चलते वाहन जान हथेली में रखकर चल रहे है। ।
मुख्यमंत्री धामी ने समय समय पर जिला प्रशासन और लोनिवि के अधिकारियों को राज्य भर की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के निर्देश दिए थे। यह भी निर्देशित किया था कि जो भी कार्य हो उसकी गुणवता व मानकों के आधार पर हो इस मामले में शिकायत आने पर जांच की जायेगी जो दोषी पाए जायेगें उनके ऊपर एक्शन लिया जायेगा ।
नतीजा यह रहा कि मानसून सीजन शुरू होने से पहले ही गड्ढायुक्त हो चुकी सड़कें बारिश के बाद और अधिक उखड़़ चुकी हैं। जिसके चलते लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सुबह शाम ऐसी सड़कों से गुजरने वाले स्कूली बच्चों पर वाहनों के टायरों से उछलने वाले गंदे पानी की बौछार आम बात हो गई है।
बागेश्वर खंड के अधिशासी अभियंता जिलाध्किारी के आदेशों की अनदेखी कर रहा है। एक मामले में बालीघाट -पन्द्रहपाली मोटर मार्ग से लगा ग्राम पन्द्रहपाली के लोगों ने कई बार कहा कि बंद पड़े कलमठ ,नालियों को खुलवाने के लिए पत्र लिखा इस मामले में जिलाधिकारीने भी अधिशासी अभियंता को पत्र भेजा लेकिन विभाग के अधिशासी अभियंता ने आजतक कोई कार्यवाही नहीं की है।
जनपद की सड़कों की हालत पर नजर डालें तो पता चलता है कि अधिकांशं प्रमुख मार्ग ताकुला – अल्मोड़ा ,गरूड़- अल्मोड़ा ,बागेश्वर – पिथौरागढ़ , बागेश्वर भराड़ी मोटर मार्ग बदहाल है । सड़कों में जगह जगह गड्ढे ही गड्ढे हो गए हैं।इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के मोटर मार्गो में चलने लायक नहीं है। वैसे तो बरसात के मौसम में अधिकतर मार्ग बंद पड़ी हुई है ं। बरसात से पूर्व मोटर मार्गो की बंद पड़ी नालियों की सफाई कराना व मरम्मत का कार्य किया जाना था वह भी नहीं किया जबकि इसके लिए अलग से बजट आता है।
सड़कों की बदहाली का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के कार्यकर्ता सड़कों पर धान की रोपाई कर सरकार को आयना दिखा रहे हैं। लगातार हो रही बारिश से जिले भर की अधिकांश सड़कों की हालत बद से बदतर होती जा रही है और इसका खामियाजा आम लोगों को उठाना पड़ रहा है। कभी भी इन गड्डों में बहुत बड़ी दुर्घटना घट सकती है।
मिट्टी डालकर फिसलन बढ़ा रहा है विभाग
गड्ढायुक्त सड़कों को गड्ढामुक्त बनाने के लिए लोनिवि के अधिकारियों ने एक नया तरीका खोज निकाला है। विभागीय अधिकारी आजकल कर्मचारियों की सहायता से सड़़कों के गड्ढों को भरने के लिए डामर से पैचवर्क करने के बजाय उसमें मिट्टी भरवा रहे हैं। मिट्टी भरने के बाद जैसे ही बारिश होती है तो गड्ढों में भरी यह मिट्टी बहकर कीचड़ का रूप ले लेती है,इससे सड़क पर फिसलन बढ़ जाती है। आने जाने पैदल लोग परेशान है।
मोटर मार्ग की नालियां मलवे से पटी हुई है । दो साल हो चुके है झाड़ियां काटी नहीं है जबकि झाड़ी कटान , नाली सफाई ,टूटी सुरक्षा दिवालों की मरम्मत करना ये कार्य बरसात से पहिले हो किए जाने का प्रविधान है और इसके लिए शासन से अतिरिक्त बजट मिलता है लेकिन बंदबांट से ये कार्य नहीं हो पाते है । कई बार तो ग्रामीणों ने लिखित शिकायत भी की जो आजतक किसी तरह की कार्यवाही नहीं हो पायी है।

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