समस्याओं से जनता त्रस्त ,सरकार के मंत्री ,विधायक मस्त: कापड़ी

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खटीमा। विधानसभा सत्र से लौटने के बाद विधायक भुवन कापड़ी ने प्रेस वार्ता कर सरकार पर जन समस्याओं से मुंह मोड़ने और चर्चा से बचने के लिए विधानसभा सत्र को छोटा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नियमानुसार वर्ष के तीनों सत्रों में विधानसभा की कार्यवाही 60 दिन चलनी चाहिए, लेकिन गत वर्ष विधान सभा सत्र 12 दिन और बजट सत्र केवल तीन दिन चला है।
इस दौरान कापड़ी ने कहा कि सत्र में अघोषित बिजली कटौती, अतिक्रमण के नाम पर होने वाले उत्पीड़न, कृषि आपदा का मुआवजा, भर्ती और रोजगार घोटाले और कानून व्यवस्था आदि से संबंधित मुद्दों पर प्रश्न उठाए। सरकार की ओर से कई प्रश्नों पर संतोष जनक उत्तर नहीं दिया गया। कहा कि राज्य आंदोलनकारियों के सरकारी नौकरी में दस प्रतिशत आरक्षण का कांग्रेस समर्थन करती है लेकिन इसे लोक सेवा आयोग की ओर से भर्तियों में लागू न करना एक गंभीर चूक है। सरकार की ओर से इस पर विचार कर शीघ्र संशोधन लाने की बात की है। वहां रवीश भटनागर, विनोद चंद, बॉबी राठौर, राजू सोनकर, रेखा सोनकर, राज किशोर, रशीद अंसारी, पवन ठाकुर आदि थे।
इसी तरह से विधानसभा सत्र में भाग लेकर लौटे विधायक आदेश चौहान ने अपने कार्यालय पर पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि प्रदेश में रोजाना कई घंटे अघोषित विद्युत कटौती हो रही है। लेकिन विधानसभा में सरकार 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराए जाने की बात कह रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि जनप्रतिनिधियों पर विश्वास न कर अधिकारियों की बात पर भरोसा किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारी के बेलगाम होने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह जनता एवं जनप्रतिनिधियों की समस्याओं को नहीं सुन रहे हैं। विधायक ने बताया कि विस सत्र में उन्होंने सरकार से बाढ़ से हो रहे भूमि कटाव, फसलों के बर्बाद होने, बाढ़ से प्रभावित किसानों के बिजली के बिल, कृषि ऋण माफ करने, किसानों को मुआवजा देने की मांग की थी। इस सरकार ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। वहां गजेंद्र सिंह चौहान, इफ्तियार बबलू, हिमांशु नंबरदार, मोइनुद्दीन, राहुल गहलोत आदि उपस्थित रहे।

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