विधायक महेश नेगी यौन उत्पीड़न मामले की जांच कर रही नैनीताल हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा अब तक हुई पुलिस जांच रिपोर्ट
पीड़िता ने 6 सितंबर 2020 को थाना नेहरू कॉलोनी देहरादून में प्रार्थना पत्र देकर कहा था कि विधायक महेश नेगी ने पहले उसका यौन शोषण किया है और अभी तक इस प्रकरण में डीएनए रिपोर्ट पेश नहीं की गई है। उसने महेश नेगी की डीएनए जांच की मांग की थी। यह भी बताया था कि उसकी बेटी के पिता विधायक नेगी ही हैं। कहा कि जांच में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि कई जगहों पर विधायक उनके साथ रहे हैं।अब उसे जान से मारने की धमकी दी जा रही है।
नैनीताल । पीड़िता ने 6 सितंबर 2020 को थाना नेहरू कॉलोनी देहरादून में प्रार्थना पत्र देकर कहा था कि विधायक महेश नेगी ने पहले उसका यौन शोषण किया है और अभी तक इस प्रकरण में डीएनए रिपोर्ट पेश नहीं की गई है। उसने महेश नेगी की डीएनए जांच की मांग की थी। यह भी बताया था कि उसकी बेटी के पिता विधायक नेगी ही हैं। कहा कि जांच में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि कई जगहों पर विधायक उनके साथ रहे हैं।अब उसे जान से मारने की धमकी दी जा रही है।
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने द्वाराहाट अल्मोड़ा से भाजपा विधायक महेश नेगी पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के बाद सरकार को 26 अक्तूबर तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वह पुलिस की ओर से मामले में अब तक की गई जांच का ब्योरा भी कोर्ट में पेश करें।
न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले में पीड़िता ने 6 सितंबर 2020 को थाना नेहरू कॉलोनी देहरादून में प्रार्थना पत्र देकर कहा था कि विधायक महेश नेगी ने पहले उसका यौन शोषण किया है और अब उसे जान से मारने की धमकी दी जा रही है।कहा कि इस मामले में जांच कर रहे दो आईओ को भी सरकार ने बदल दिया है क्योंकि महेश नेगी सत्ता दल के विधायक हैं। पीड़िता की मांग है कि मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए। पीड़िता का यह भी कहना है कि देहरादून पुलिस इस मामले की जांच में पक्षपात कर रही है।पूर्व में हुई सुनवाई में पीड़िता ने कोर्ट को अवगत कराया था कि अभी तक इस प्रकरण में डीएनए रिपोर्ट पेश नहीं की गई है। उसने महेश नेगी की डीएनए जांच की मांग की थी। यह भी बताया था कि उसकी बेटी के पिता विधायक नेगी ही हैं। कहा कि जांच में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि कई जगहों पर विधायक उनके साथ रहे हैं। पीड़िता का कहना है कि मामले में पूर्व में विधायक को दिए गए स्टे ऑर्डर को निरस्त किया जाए।