अब उत्तराखंड के स्कूलों में कुमाऊनी व गढ़वाली की पढ़ाई होगी शुरू

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सरकार की अच्छी पहल है। नई शिक्षा नीति के तहत uttarakhand के Government school में अब कक्षा एक से पांच तक Garhwali, Kumaoni, जौनसारी में पढ़ाई होगी। वास्तव में गढ़वाली-कुमाऊंनी और जौनसारी जैसी बोली-भाषाएं हमारा गर्व हैं। इनके संरक्षण और संवर्द्धन के लिए ये बेहद जरूरी है कि भावी पीढ़ी अपनी बोली-भाषा से जुड़ी रहे। सोशल मीडिया के दौर में Garhwali-Kumaoni में खूब blog लिखे जा रहे हैं। संदेशों का आदान-प्रदान भी हो रहा है, लेकिन बात जब पढ़ाई की हो तो अब भी इन भाषाओं को किताबों में वो महत्व नहीं मिल पाया, जिसकी ये हकदार हैं। बोली-भाषाओं के संवर्द्धन के लिए राज्य सरकार एक बड़ा काम करने जा रही है। बीते दिन हुई uttarakhand cabinet meeting में एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए कक्षा 1 से लेकर 5 तक के बच्चों को क्षेत्रीय बोली-भाषा में पढ़ाई कराने का निर्णय लिया गया। नई शिक्षा नीति के तहत प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब कक्षा एक से पांच तक गढ़वाली, कुमांऊनी, जौनसारी, बांग्ला व गुरमुखी की पढ़ाई कराई जाएगी।

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