5 सितम्बर को बागेश्वर विधान सभा के मतदाता करेगें प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ,कांग्रेस व भाजपा में होगी कांटे की टक्कर

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2022 के विधान सभा चुनाव में बागेश्वर सीट से भारतीय जनता पार्टी ने चंदन राम दास को चुनावी मैदान में उतारा था. वह यहां से 12,141..वोटों के बड़े अंतर से जीते. बीजेपी प्रत्याशी को 32211 वोट मिले वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार रंजीत दास को 20070 वोटों से ही संतोष करना पड़ा काग्रेस दूसरे नंम्बर की पार्टी बनकर रह गई । अब वे भाजपा में शामिल हो चुके है।
अब कुछ समीकरण बदल गये है ,मतदाता का रूझान कुछ अलग सा दिख रहा है । कांग्रेस पार्टी ने मजबूत प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारा है। भाजपा अपनी पुरानी चाल से चल रही है वह है सहानुभूति का । देखना यह है कि कौन मैदान माराता है ।
इस मामले में नन्दा टाइम्स की टीम सर्वे में लगी हुई है जिसका परिणाम कुछ दिनों में उजागर किया जायेगा ।

बागेश्वर। कांग्रेस ने आप नेता बसंत कुमार को पार्टी में शामिल किया तो भाजपा ने प्रत्याशी चयन में अपनी रणनीति बदल दी। पहले माना जा रहा था कि चंदन राम दास के बेटे गौरव दास को प्रत्याशी बनाया जा सकता है लेकिन इन कयासों को विराम लगाते हुए उनकी पत्नी के नाम का एलान कर दिया।
माना जा रहा है कि पार्टी सहानुभूति कार्ड को चुनाव में अजमाना चाहती है। गौरव दास कुछ समय से सक्रिय थे। ऐसे में उनका प्रत्याशी बनना तय माना जा रहा था। हालांकि भाजपा के वरिष्ठ नेता अंतिम क्षणों तक इस बारे में कुछ भी कहने से बच रहे थे। उधर, कांग्रेसी हलकों में बसंत कुमार का टिकट तय माना जा रहा था। इसकी आहट लगते ही कांग्रेस नेता रंजीत दास ने भाजपा का दामन थाम लिया था।
भाजपा ने तीन उप चुनावों में उस सीट के विधायक की पत्नी को पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर जीत हासिल की है।
पिथौरागढ़ विधानसभा सीट के विधायक प्रकाश पंत के निधन के बाद हुए उप चुनाव में उनकी पत्नी चंद्रा पंत को प्रत्याशी बनाया था। थराली सीट से मगन शाह के निधन पर उनकी पत्नी मुन्नी शाह को प्रत्याशी बनाया। दोनों ही सीटों पर पार्टी ने जीत दर्ज की थी।

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