भर्ती घोटाले पर ‌‌ मंत्री-संतरी के साथ फाेटो वाले पर STF कैसे करेगी कार्रवाई? राज्य के युवाओं का सरकार से उठा भरोसा‌‌ ‌‌‌‌‌

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यूकेएसएसएससी (UKSSSC) पेपर लीक घपले में कांग्रेस ने एक बार फिर सीबीआई और हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच की मांग की। प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और उपनेता विधायक दल भुवन कापड़ी ने सरकार पर जमकर हमला किया।

 देहरादून ।पेपर लीक घपले में कांग्रेस ने एक बार फिर सीबीआई और हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच की मांग की। प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और उपनेता विधायक दल भुवन कापड़ी ने सरकार पर जमकर हमला किया।

यूकेएसएसएससी (UKSSSC) पेपर लीक घपले में कांग्रेस ने एक बार फिर सीबीआई और हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच की मांग की। सोमवार दोपहर राजीव भवन में प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और उपनेता विधायक दल भुवन कापड़ी ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेस में कहा कि जिस घोटाले के प्रमुख अभियुक्त के हर मंत्री-संतरी के साथ ताल्लुकात जगजाहिर हैं, उसके खिलाफ एसटीएफ कैसे कार्रवाई करेगी? चूंकि इस मामले की जड़े दो राज्यों में फैली हुई हैं, इसलिए अब इसकी सीबीआई जांच जरूरी हो गई है। राज्य के

भीतर के मामलों की जांच के लिए हाईकोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर जांच कराई जानी चाहिए। माहरा और कापड़ी ने पूर्व अध्यक्ष एस राजू और पूर्व सचिव संतोष बड़ोनी को लेकर भी सरकार को घेरा। कहा कि वर्ष 2016 के वीपीडीओ भर्ती घोटाले में भी तत्कालीन अध्यक्ष इस्तीफा देकर साफ बच गए थे। इस बार भी अध्यक्ष इस्तीफा देकर जिम्मेदारी से बच रहे हैं। सचिव को केवल पद से हटाने से ही बात नहीं बनने वाली।

जिन लोगों पर भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता की जिम्मेदारी है, उन्हें ऐसे कैसे छोड़ा जा सकता है? एक अभियुक्त के कांग्रेस नेताओं से संपर्क के सवाल पर कापड़ी ने दो टूक कहा कि कांग्रेस की मांग भ्रष्टाचार के उन्मूलन की है। वह व्यक्ति भले कांग्रेस का हो या भाजपा या फिर किसी दल का। कार्रवाई होनी ही चाहिए। राज्य के नौजवानों को सिस्टम से विश्वास उठ चुका है। इस वक्त सीएम और सरकार के पास भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की एक मिसाल स्थापित करने का मौका है।माहरा ने कहा कि वर्ष 2017 में ही उनके द्वारा विधानसभा सत्र में उठाए गए एक सवाल के जवाब में तत्कालीन संसदीय कार्यमंत्री ने वीपीडीओ भर्ती में धांधली स्वीकार करते हुए कार्रवाई की बात कही थी। लेकिन अब तक कार्रवाई न हुई। इस बार गिरफ्तार हाकम सिंह का नाम फारेस्ट गार्ड भर्ती में भी आया था। आज पारदर्शिता और शुचिता के दावे कर रही भाजपा ने तब उसे पंचायत चुनाव का टिकट क्यों दिया था?

यदि सरकार वास्तव में भ्रष्टाचार मिटाना चाहती है तो वर्ष 2016 से जांच की शुरूआत करे। सभी भर्तियों को जां चके दायरे में लिया जाए। इस दौरान प्रदेश महामंत्री विजय सारस्वत, पीके अग्रवाल,यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक संदीप चमोली, प्रवक्ता गरिमा महरा दसौनी, महानगर कार्यकारी अध्यक्ष जसविंदर सिंह गोगी आदि भी मौजूद रहे।

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