21 वीं वर्षगांठ पर बोले कुर्बानी के एवज में मिला है उत्तराखंड राज्य, आंदोलनकारियों के सपने नहीं हुए साकार -विनोद घड़ियाल

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उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों की शहादत के एवज में मिला है। तब आंदोलनकारियों ने जिस पृथक राज्य की परिकल्पना को देखकर आंदोलन चलाया गया वह परिकल्पानाएं राज्य बनने के बाद धरातल पर दिख ही नहीं रही हैं।स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधा सरकारी तौर पर नामभर की है। आज तक यहां सत्ता पर आई भाजपा और कांग्रेस की सरकारों राज्य को लूट कर अपना खजाना भरा है। लोग रोजगार के अभाव में पलायन करने को मजबूर हैं। सुदूरवर्ती क्षेत्रों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है। पृथक राज्य बनने का फायदा सिर्फ नेताओं को हुआ जो प्रथृक राज्य के विरोध में खड़े हुए थे ,आम आदमी को कुछ भी नहीं मिला

संयुक्त उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष विनोद घड़ियाल नैनीताल में महात्मा गांधी की मूर्ति पर माल्यार्पण करते हुए

नैनीताल । संयुक्त उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा द्वारा आज राज्य स्थापना दिवस की 21 वीं वर्षगांठ पर महात्मा गांधी के मूर्ति पर माल्यार्पण कर तत्पश्चात आंदोलन में शहीद हुए श्री प्रताप सिंह बिष्ट की मूर्ति पर माल्यार्पण कर शहीद आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की ।
इस मौके पर मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विनोद घड़ियाल ने कहा कि अभी राज्य में विकास के लिए बहुत कुछ किया जाना बाकी है जब तक उत्तराखंड में स्थानीय युवाओं को 70ःप्रतिशत रोजगार स्थाई रूप से नहीं मिल जाता तब तक स्थाई राजधानी गैस नहीं बनती स्थाई राजधानी घर से नहीं बनतीस्थाई राजधानी गैरसैंण निबंधस्थाई राजधानी दर्शन नहीं बनतीस्थाई राजधानीकी कल्पना प्रदेश के प्रदेश के प्रदेश के प्रदेश केको कोसों दूर है स्थाई रोजगार दिया जाना नितांत अति आवश्यक है और और प्रदेश में आजतक भाजपा व काग्रेस ने अपने फायदें के लिए सशक्त जन भू- कानून लागू नही ंकिया ,जो अब नित्यांत आवश्यक है।
संयुक्त उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष विनोद घड़ियाल ने कहा कि राज्य आंदोलन के दौरान पृथक राज्य की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे लोगों को बिना कसूर जेल में बंद कर उन्हें यातनाएं दी गई। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों की शहादत के एवज में मिला है। तब आंदोलनकारियों ने जिस पृथक राज्य की परिकल्पना को देखकर आंदोलन चलाया गया वह परिकल्पानाएं राज्य बनने के बाद धरातल पर दिख ही नहीं रही हैं।स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधा सरकारी तौर पर नामभर की है। आज तक यहां सत्ता पर आई भाजपा और कांग्रेस की सरकारों राज्य को लूट कर अपना खजाना भरा है। लोग रोजगार के अभाव में पलायन करने को मजबूर हैं। सुदूरवर्ती क्षेत्रों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है। पृथक राज्य बनने का फायदा सिर्फ नेताओं को हुआ जो प्रथृक राज्य के विरोध में खड़े हुए थे ,आम आदमी को कुछ भी नहीं मिला।
पृथक राज्य के लिए लंबी लड़ाई लड़ने वाले आंदोलनकारियों का कहना है कि पृथक राज्य के लिए कई आंदोलनकारियों ने शहादत दी, लेकिन शहीदों की परिकल्पना जैसा राज्य दो दशक में भी नहीं बन पाया। राज्य बनने के बाद उत्तराखंड में शासन करने वाली राजनीतिक पार्टियों ने बारी-बारी प्रदेश को लूटकर हाशिए पर खड़ा कर दिया।
प्रदेश के विकास के लिए स्थाई राजधानी घर्षण नितांत अति आवश्यक है सरकार शीघ्र ही इस ओर ठोस कदम उठाए तब जाकर आंदोलनकारियों के सपनों का राज्य बनेगा और जनता के अनुरूप विकास हो सकेगा इस मौके पर मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विनोद घड़ियाल पूरन सिंह मेहरा हीरा सिंह बिष्ट अंबादास जोशीकांति जोशी जानकी नेगी जानकी कांडपाल कमला बिष्ट सहित अनेकों आंदोलनकारी सम्मिलित हुए

राज्य आंदोलन जिस पृथक राज्य की परिकल्पना को देखते हुए किया गया वे परिकल्पनाएं राज्य बनने के बाद पूरी नहीं हो पाई है। यहां शासन करने वाली सरकारों ने राज्य को लूटने का कार्य किया गया। आज तक सरकारें उत्तराखंड राजधानी को तय नहीं कर पाई हैं। जनता ने जो जनमत देकर भाजपा और कांग्रेस की सरकारों को बनाया उनने जनमत का गलत फायदा उठाया – जानकी नेगी – राज्य आन्दोलनकारी

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