कोरोनाकाल में ट्यूशन फीस बढ़ाने पर अभिभावकों का गुस्सा फूटा

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जांच कराने का आदेश केवल दिखावा , होगा केवल ढाक के तीन पात

स्कूलों ने ट़्यूशन फीस में स्पोर्टस, कप्यूटर, लाइब्रेरी आदि के शुल्क को शामिल करते हुए ट़यूशन फीस को काफी बढ़ा दिया है। जबकि ट्यूशन फीस में केवल शिक्षण शुल्क ही लिया जा सकता है। अभिभावको ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर मिलीलभगत होना बताया है। कहा इससे पहिले जो जांचें स्कूलों की हुई उसमें कितने प्राईवेंट स्कूलों के खिलाफ कार्यावाही की है।

हल्द्वानी । स्पोर्टस, कंप्यूटर एक्टिविटी को जोड़कर ट्युशन फीस बढ़ाने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग ने अभिभावकों की शिकायतों के आधार पर ट़्यूशन फीस बढ़ाने वाले स्कूलों के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए। शुक्रवार को डीजी-शिक्षा विनय शंकर पांडे ने सभी सीईओ को स्कूलों के फीस ढांचे की जांच करने को कहा है। कहा कि कई स्कूलों ने ट़्यूशन फीस में स्पोर्टस, कप्यूटर, लाइब्रेरी आदि के शुल्क को शामिल करते हुए ट़यूशन फीस को काफी बढ़ा दिया है। जबकि ट्यूशन फीस में केवल शिक्षण शुल्क ही लिया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार हाल में कुछ अभिभावकों ने इस बाबत शिक्षा विभाग से शिकायतें की है। शैक्षिक सत्र शुरू होने के बाद दोबारा स्कूल बंद होने पर भी स्कूल बढ़ी फीस के लिए दबाव बना रहे हैं।
यह है प्रावधान
स्कूल बंद रहने पर ऑनलाइन पढ़ाई कराने वाले स्कूल केवल ट्युशन फीस ले सकते हैं। फीस देने में असमर्थ अभिभावकों को फीस अदा करने के लिए समय दिया जाएगा। फीस न चुकाए जाने पर किसी भी छात्र को स्कूल से नहीं निकाला जाएगा। नियमित रूप से वेतन पाने वाले सरकारी, अर्द्धसरकारी अधिकारी-कर्मचारी और आर्थिक रूप से अप्रभावित अभिभावकों को नियमित रूप से स्कूल की फीस देनी होगी।

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