बाहरी प्रदेश के एक अलग समुदाय के लोगों ने धारी तहसील के गांव में 11 नाली जमीन खरीदने से क्षेत्र में दहशत

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नेता उत्तराखंड को दूसरा काश्मीर बनाने के जुगाड़ में बैठे है। ं पहाड़ के लोगों को सचेत होना पड़ेगा कि बाहरी लोगों के ऐसे समुदाय को जमीन न बेचें , चाहे वह कितना भी प्रलोभन दे रहे हो,अगर जोर जबदस्ती करे तो इसकी शिकायत प्रशासन के उच्च अधिकारियों को व क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को करनी चाहिए । अगर आपने अपनी जमीन इस समुदाय के लोगों के हवाले कर दिया तो कुछ सालों के बाद आप ही लोगों को ये ही लोग मारपीटकर भगा देगें ं प्रदेश की भाजपा सरकार अपने वोट बैंक के चक्कर में भू कानून लाने में विवश हो रही है। सीएम पुष्कर सिंह धामी अपने आप से निर्णय लेने में सक्षम नहीं है। वे केवल दूसरे के दिशा निर्देशों का पालन कर रहे है। ऐसे में प्रदेश की जनता ही सरकार को इसका जबाब देगी ।
इस समुदाय के लोग सीमांत जनपद के गांवों तक बस गये है इनका एक ही मकसद है कि उत्तराखंड में किसी भी तरह से कब्जा जमाया जा सके सबसे बड़ी बात सामने उभर कर आई है कि इन्हें जमीन खरीदनें के लिए बाहरी देश से फंडिग होती है। इसी लिए चार गुना किमत पर भी जमीन खरीद सकते है। उत्तराखंड अन्तराष्ट्रीय सीमाओं से घिरा हुआ है।

हल्द्वानी । धारी तहसील क्षेत्र के सरना गांव में अनुसूचित जाति के लोगों को प्रलोभन देकर और दबाव बनाकर समुदाय विशेष के जमीन खरीदने के मामले की जांच शुरू हो गई है। तीन चार दिन में मामले की जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन को उपलब्ध हो जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन कार्रवाई करेगा। क्षेत्र के लोगों की मांग है कि इनकी खरीदी हुई जमीन कों निरस्त करवाने की कार्यवाही हो ।
बता दें कि भाजपा नेता अजेंद्र अजय ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शिकायत की थी कि सरना गांव में 21 व 22 सितंबर को अलीगढ़ और संभल के समुदाय विशेष के लोगों ने एकसाथ 13 लोगों की जमीन की रजिस्ट्री कराई है। कहा गया कि जमीन की यह खरीद फरोख्त अनुसूचित जाति के लोगों को दबाव में लेकर और प्रलोभन देकर की गई। कहा कि इसी मामले में कई महिलाओं ने भी धारी के एसडीएम को शिकायती पत्र देकर जमीन की गलत तरीके से हो रही खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने की मांग की थी

सरना गांव में 21 व 22 सितंबर को अलीगढ़ और संभल के समुदाय विशेष के लोगों ने एकसाथ 13 लोगों की जमीन की रजिस्ट्री कराई है। कहा गया कि जमीन की यह खरीद फरोख्त अनुसूचित जाति के लोगों को दबाव में लेकर और प्रलोभन देकर की गई।

इस संबंध में डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि मामला कुछ दिन पहले उनके संज्ञान में आया था, इसके बाद धारी के एसडीएम योगेश सिंह को मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। डीएम ने बताया कि एसडीएम तीन-चार दिन में जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप देंगे। डीएम ने कहा कि जांच रिपोर्ट मिलने के बाद मामले में अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
2015 में ही करा लिया था भूमि उपयोग को परिवर्तित
नैनीताल। सरना गांव में अनुसूचित जाति के लोगों द्वारा समुदाय विशेष को बेची गई जमीन का भू उपयोग परिवर्तन वर्ष 2015 में ही करा लिया गया था, जबकि इस जमीन की रजिस्ट्री इसी साल कुछ दिन पहले ही हुई है। अधिकारियों के मुताबिक जमीन को बेचने से पहले ही भू स्वामियों द्वारा जेड ए एक्ट के तहत भूमि का 143 (भू उपयोग परिवर्तन) करा लिया गया था।
तहसील न्यायालय में है दाखिल खारिज की फाइल
नैनीताल। 21 व 22 सितंबर को सरना गांव के 13 लोगों ने 11 नाली जमीन की रजिस्ट्री समुदाय विशेष के लोगों के नाम पर कराई थी। तहसीलदार न्यायालय से जमीन का दाखिल खारिज होना है। बताया जाता है कि दाखिल खारिज को रोकने के लिए कुछ सह खातेधारों ने तहसील न्यायालय में अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। दाखिल खारिज से पहले अब तहसील न्यायालय में इन आपत्तियों पर भी सुनवाई होगी।
इस मामले में कुछ सहखातेदारों और महिलाओं की ओर से शिकायती पत्र और आपत्तियां मिली हैं। शिकायती पत्रों की जांच की जा रही है, जबकि आपत्तियों को तहसील न्यायालय में भेजा गया है।

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