गांवों में कोविड जांच कराने से कतरा रहे लोग

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बागेश्वर। कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण गांवों तक फैल गया है। जिले के अनेक गांवों में इन दिनों बुखार का प्रकोप है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने गांवों में शिविर लगाने की शुरुआत की। विभाग की इस पहल के बावजूद जिले के कई गांवों में लग रहे जांच शिविर में आने से लोग कतरा रहे हैं। सैकड़ों की जनसंख्या वाले गांवों में भी गिने-चुने लोग ही जांच कराने को आगे आ रहे हैं।
जिले के दोफाड़, डोबा, चौहना, सोराग, शामा, भनार, लीती, बघर आदि गांवों में बुखार की शिकायत थी। गांव के जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से शिविर लगाने की मांग की। डोबा और चौहना में शिविर लगा, लेकिन लोग जांच कराने कम आए। एक हजार से अधिक की आबादी वाले गांव में मात्र 142 लोगों ने जांच कराई।

ग्राम प्रधान भुवन सिंह टंगड़िया ने बताया कि गांव के लोग शिविर में आकर जांच कराने के लिए तैयार नहीं है। लोगों को डर है कि उनकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आएगी तो उन्हें कोविड केयर सेंटर भेज दिया जाएगा। इधर सोराग गांव के ग्राम प्रधान गीता देवी कहती हैं कि उनके गांव में भी बुखार के मरीज हैं, लेकिन ग्रामीण शिविर लगाने का विरोध कर रहे हैं।
लोगों का कहना है कि उन्हें सामान्य बुखार है, जो घर पर ही सही हो जाएगा। जांच में उन्हें कोविड मरीज बनाकर कोविड सेंटर भेज दिया जाएगा। जांच शिविर में लोगों की कम संख्या को देखते हुए प्रशासन भी चिंतित है। इसका असर गांवों में लगने वाले स्वास्थ्य जांच शिविरों पर भी पड़ सकता है।
गांवों में शिविर लगाने की मांग करने के बाद जांच कराने कम लोग आ रहे हैं। इस कारण कर्मचारियों के समय की भी बर्बादी हो रही है। अब स्वास्थ्य विभाग न्याय पंचायत स्तर पर ही जांच शिविरों का आयोजन करेगा। जहां संक्रमण अधिक होगा, केवल उसी गांव में शिविर लगाकर लोगों का स्वास्थ्य जांचा जाएगा। डॉ. बीडी जोशी, सीएमओ, बागेश्वर।

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