पेट एवं आंत की समस्याएं – आपको कब चिंतित होना चाहिए ?
पेट एवं आंत के रोगों और कैंसर के लक्षणों में शामिल हैरू खाना निगलने में कठिनाई, पेट में हमेशा दर्द रहना, बार-बार उल्टी होना एवं जी मिचलाना, अपने आप वजन घटना, भूख न लगना, उल्टी में रक्त, मल में रक्त, आंत्र की आदतों में बदलाव (लगातार दस्त या कब्ज रहना), लगातार पेट की परेशानी, पेट साफ़ ना होना, कमजोरी या थकान महसूस करना.
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर यानि पेट के कैंसर विश्व स्तर पर सबसे आम कैंसर हैं। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम के कैंसर में इसोफेगस (भोजन नली), स्टमक (आमाशय), बड़ी आंत, पित्ताशय, पित्त नली, पैंक्रियास (अग्न्याशय), लिवर (यकृत) और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्ट्रोमल ट्यूमर (जीआईएसटी) के कैंसर शामिल हैं।
हमारी सारी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रणाली पेट के अंदर बंद रहती है; इसी तरह, भोजन नली छाती के अंदर से जाती है। यह इन अंगों की सुरक्षा और कार्य के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन इससे एक नुकसान भी होता है – इन अंगों के रोगों और कैंसर का पता लगाना मुश्किल होता है। इन अंगों की बीमारियां एवं कैंसर अंदर ही अंदर बढ़ते रहते हैं और जब तक उनके लक्षण हमें चिकित्सक के पास जाने के लिए मजबूर करते हैं तब तक कई बार ये काफी बढ़ जाती हैं।
ध्यान रहे
लक्षण द्वारा हमारा शरीर हमें सचेत करता है कि कुछ गलत हो रहा है। पेट के सारे कैंसरों के भी अपने अपने विशिष्ट लक्षण हैं। लेकिन दुर्भाग्य से, अक्सर ये लक्षण तब आते हैं जब पहले से ही बहुत देर हो चुकी होती है। इनमें से कई लक्षण रोजमर्रा की सामान्य बीमारियों में भी होते हैं जो हमें समय-समय पर प्रभावित करती हैं। इसलिए ज़्यादातर हम इन्हें नज़रअंदाज़ कर देते हैं। इसके अलावा, किसी भी लक्षण का कारण एक मामूली बीमारी होने की संभावना ज्यादा होती है। यह संभावना हमेशा कम होती है कि आपका कोई लक्षण कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के कारण होगा। इन सभी चीज़ों का परिणाम यह होता है कि इन कैंसर का पता काफी देर से चलता है।
चेतावनी के संकेत
पेट एवं आंत के रोगों और कैंसर के लक्षणों में शामिल हैरू खाना निगलने में कठिनाई, पेट में हमेशा दर्द रहना, बार-बार उल्टी होना एवं जी मिचलाना, अपने आप वजन घटना, भूख न लगना, उल्टी में रक्त, मल में रक्त, आंत्र की आदतों में बदलाव (लगातार दस्त या कब्ज रहना), लगातार पेट की परेशानी, पेट साफ़ ना होना, कमजोरी या थकान महसूस करना, लगातार अपच रहना, सीने में काफी जलन होना, पीलिया, खुजली, मधुमेह की शुरुआत, पेट में गांठ और आवाज में बदलाव।
यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण है, तो कैंसर होने की संभावना इस पर निर्भर करती है कि आपमें कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाले कितने कारण मौजूद हैं। जितने ज़्यादा कारण उतनी ही ज़्यादा संभावना। वैसे तो कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाले कारण सभी कैंसर के लिए भिन्न होते हैं, लेकिन आम तौर पर इसमें बढ़ती उम्र, पेट और आंत के कैंसर का पारिवारिक इतिहास, धूम्रपान और शराब का सेवन, आहार में फलों और सब्जियों की कमी और मोटापा शामिल है।
क्या करें?
एक हल्के पेट की परेशानी या गैस्ट्रिक परेशानी की अनदेखी करने में संभवतः बहुत नुकसान नहीं है। लेकिन, आपको चिंतित होना चाहिए, अगर इनमें से कोई भी लक्षण नियमित रूप से होता है। इसके अलावा, आपकी शिकायत अगर काम होने की बजाय बढ़ती जा रही है और तो तुरंत अपने चिकित्सक या एक विश्वसनीय जीआई सर्जन से परामर्श करें। अगर सही समय पर जांच की जाये तो इन कैंसर का पता ऐसी स्टेज में चल सकेगा जहां वे अभी भी ठीक हो सकते हैं।
डां0 निखिल अग्रवाल
एम0 एस0 एमसीएच जीआई सर्जन (एआईआईएमएस नई दिल्ली )